सुप्रीम कोर्ट ने हटाया 'पद्मावत' से बैन, 25 जनवरी को होगी रिलीज
सुप्रीम कोर्ट ने आज एक अंतरिम आदेश जारी करते हुए फिल्म पद्मावत को सभी राज्यों में रिलीज करने के निर्देश दिये

नयी दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आज एक अंतरिम आदेश जारी करते हुए फिल्म पद्मावत को सभी राज्यों में रिलीज करने के निर्देश दिये। न्यायालय ने मध्य प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और गुजरात द्वारा इस फिल्म की रिलीज पर प्रतिबंध के आदेश पर रोक लगा दी।
मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति धनंजय वाई चन्द्रचूड़ की खंडपीठ ने इस मामले में अंतिरम आदेश सुनाया है।
आपको बता दें कि संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती के विरोध के बाद बैठक के द्वारा इस फिल्म में बदलाव किए गए थे। बदलाव के तहत इस फिल्म का नाम पद्मावती से हटाकर पद्मावत रखा गया था साथ ही फिल्म की रिलीज की डेट 25 जनवरी रखी गई थी। इसके बाद भी राजस्थान, गुजरात, मध्यप्रदेश और हरियाणा सरकार ने इस फिल्म पर बैन लगा दिया था।
इसके विरोध में फिल्म निर्माताओं ने चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस ए.एम. खानविलकर और जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ की पीठ के सामने मामला रखा था।
सुप्रीम कोर्ट ने आज इस पर अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि राज्यों का फिल्म पर बैन लगाना संवैधानिक नहीं है। कोर्ट ने कहा कि पद्मावत 25 जनवरी को पूरे देश में रिलीज होगी और कानून व्यवस्था को बनाए रखना राज्यों की जिम्मेदारी है।
Supreme Court, in its interim order said, all states are constitutionally obliged to maintain law and order and prevent any untoward incident during the screening of the film across India, a permission granted by CBFC. #Padmaavat
— ANI (@ANI) January 18, 2018
सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सबने स्वागत किया है।
वकील हरीश सालवे ने बोला कि यदि राज्य फिल्म पर प्रतिबंध लगा रहे हैं, तो यह संघीय संरचना को नष्ट कर रहे हैं। यह एक गंभीर मामला है अगर किसी को कोई समस्या है, तो वह राहत के लिए अपीलीय ट्रिब्यूनल से संपर्क कर सकता है। राज्य एक फिल्म की सामग्री को नहीं छू सकता है।
If states are banning a film, then it is destroying federal structure.
— ANI (@ANI) January 18, 2018
It is a serious matter. If somebody has a problem,then he or she can approach appellate tribunal for relief. State can't touch the content of a film: Harish Salve representing producers of #Padmaavat in SC
उन्होंने केन्द्र सरकार से यह अनुरोध किया कि वह राज्य सरकारों को एक बेहतर और प्रभावी कदम और समाधान के लिए निर्देश दें।
Request the Central government to pass a direction to the states for a better and an effective step and solution: Senior advocate Harish Salve while representing producers of #Padmaavat in the Supreme Court
— ANI (@ANI) January 18, 2018
शशि थरुर ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए ट्वीट किया।
Congratulations to the Supreme Court for saying it is the duty of states to maintain law and order, rather than banning movies. #Padmavat https://t.co/c8QDXnRj5jhttps://t.co/X19Yq6Izni
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) January 18, 2018


