सर्वोच्च न्यायालय : कावेरी नदी जल बंटवारा मामले में फैसला सुरक्षित
सर्वोच्च न्यायालय ने कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी की ओर से कावेरी नदी जल विवाद न्यायाधिकरण के 2007 के फैसले के खिलाफ दायर कई याचिकाओं पर बुधवार को फैसला सुरक्षित रख लिया है

नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी की ओर से कावेरी नदी जल विवाद न्यायाधिकरण के 2007 के फैसले के खिलाफ दायर कई याचिकाओं पर बुधवार को फैसला सुरक्षित रख लिया है। सुनवाई के दौरान अदालत ने हालांकि यह स्पष्ट किया कि फैसला घोषित करने के बाद केंद्र को इन राज्यों और पुडुचेरी के बीच जल बंटवारे को लेकर फैसला लागू करवाने के लिए योजना तैयार करनी होगी।
सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति अमिताभ रॉय, न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर की पीठ ने संबंधित पक्षों को आठ माह के दौरान 29 दिनों हुई सुनवाई के दौरान इस मामले के अंतर्गत विभिन्न आयामों के तहत लिखित निवेदन दाखिल करने को कहा।
कावेरी मुद्दे पर 2007 में निर्णय आने पर तमिलनाडु और कर्नाटक सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया था।
सुनवाई के दौरान कर्नाटक ने सर्वोच्च न्यायालय में कहा था कि 1924 में ब्रिटिशकालीन मद्रास प्रांत और मैसूर रियासत के बीच हुए समझौते को मौजूदा कर्नाटक और तमिलनाडु के बीच कावेरी जल बंटवारा विवाद में आधार नहीं बनाया जा सकता। वहीं तमिलनाडु ने भी जल बंटवारे के फैसले को लेकर असंतुष्टि दिखाई थी।


