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कठुआ बलात्कार मामले में सुप्रीम कोर्ट वकीलों के रवैये पर संज्ञान ले सकता है

उच्चतम न्यायालय ने कठुआ बलात्कार मामले में वकीलों के रवैये पर संज्ञान लेने की हामी तो भरी, बशर्ते इस सिलसिले में कोई याचिका दायर होती है।

कठुआ बलात्कार मामले में सुप्रीम कोर्ट वकीलों के रवैये पर संज्ञान ले सकता है
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नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने कठुआ बलात्कार मामले में वकीलों के रवैये पर संज्ञान लेने की हामी तो भरी, बशर्ते इस सिलसिले में कोई याचिका दायर होती है।

कुछ अधिवक्ताओं की ओर से वकील पी वी दिनेश ने मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष जम्मू-कश्मीर के कठुआ में आठ वर्ष की नाबालिग लड़की के साथ हुए बलात्कार और उसके बाद उसकी हत्या किये जाने के मामले में वकीलों के आचरण का विशेष उल्लेख किया और इस सिलसिले में उससे स्वत: संज्ञान लेने की मांग की।

दिनेश ने दलील दी कि जम्मू के वकील कठुआ बलात्कार मामले में कानूनी प्रक्रियाओं में बाधा पहुंचा रहे हैं और इसका संज्ञान लिया जाना चाहिए।

इस पर न्यायमूर्ति मिश्रा ने कहा, “हमारे पास इस संबंध में कुछ भी नहीं है। कुछ तो रिकॉर्ड पर लाइये।” जब दिनेश ने फिर से कहा, “हम नहीं चाहते कि इसे ‘पब्लिसिटी’ इंटेरेस्ट लिटिगेशन के रूप में देखा जाये। हमारा नाम न्यायिक रिकॉर्ड का हिस्सा न बने।”

इसके बाद न्यायालय ने जोर देते हुए कहा कि इस मामले में हस्तक्षेप के लिए कुछ न कुछ न्यायालय के रिकॉर्ड पर लाना ही होगा।
ऐसी संभावना है कि ये वकील आज ही याचिका दायर करेंगे।


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