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भोपाल में ओबीसी आरक्षण के समर्थकों की पुलिस से झड़प

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) महासभा ने आरक्षण की मांग को लेकर सड़क उतरकर प्रदर्शन किया

भोपाल में ओबीसी आरक्षण के समर्थकों की पुलिस से झड़प
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भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) महासभा ने आरक्षण की मांग को लेकर सड़क उतरकर प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस जवानों के बीच झड़प भी हुई। ओबीसी महासभा के आहवान पर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से आरक्षण बढ़ाए जाने की मांग को लेकर बड़ी संख्या में युवा भोपाल पहुंचे। गुर्जर भवन पर जमा हुए प्रदर्शनकारी मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने बढ़ रहे थे, तभी उनकी पुलिस से झड़प हो गई। प्रदर्शनकारियों ने कई साथियों के घायल होने की भी बात कही है। वहीं प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर सेंटल जेल ले जाया गया।

महासभा के राष्ट्रीय सचिव दिनेश कुमार का कहना है कि शासन द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, राज्य में ओबीसी की आबादी 50 प्रतिशत है, राज्य के मुखिया भी इसी वर्ग से आते हैं। इसके बावजूद इस वर्ग के युवाओं और छात्र-छात्राओं पर कुठाराघात हो रहा है।

ओबीसी महासभा की मांग है कि वर्ष 2021 में होने वाली जनगणना में जातिगत जनगणना करवाने कराई जाए, शिक्षक पात्रता भर्ती एवं अन्य परीक्षाओं में ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया जाए। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की भर्ती में 27 प्रतिशत की जगह छह आरक्षण दिया गया है। इस प्रकरण को संज्ञान में लेते हुए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मप्र की संचालक छवि भारद्वाज पर दंडात्मक कार्यवाही करते हुए तत्काल निलंबित किया जाए। भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा पिछड़ा वर्ग को प्रत्येक स्तर पर (प्रदेश से लेकर गांव एवं सड़क से लेकर सदन तक) तक जनसंख्या के अनुपात में प्रतिनिधित्व (हिस्सेदारी) सुनिश्चित करे।

महासभा की मांग है कि ओबीसी वर्ग में लागू असंवैधानिक क्रीमीलेयर बाध्यता को समाप्त करने के लिए विधानसभा में विधेयक लाया जाए या आवश्यक कार्यवाही की जाए। ओबीसी वर्ग के छात्रों को वाजिब छात्रवृत्ति दिलाई जाए और छात्रवृत्ति नियमों की अवहेलना करने वाले अधिकारियों पर दंडात्मक कार्यवाही करने का कष्ट करें।

ओबीसी महासभा ने प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मांग की है कि ओबीसी वर्ग के शिक्षित छात्रों, युवाओं के भविष्य को ध्यान में रखते हुए सदियों से शोषित, वंचित, किसान वर्ग, बेरोजगार, सामाजिक व शैक्षणिक रूप से पिछड़े इस वर्ग के हक की रक्षा के लिए आवश्यक कार्यवाही की जाए।


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