मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सुपरटेक के एमडी आरके अरोड़ा गिरफ्तार
इससे पहले इंडिया बुल्स भी दर्ज करा चुका है 450 करोड़ की धोखाधड़ी का मुकदमा

नोएडा। ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में रियल एस्टेट कंपनी सुपरटेक के चेयरमैन आर के अरोड़ा को गिरफ्तार किया है। ईडी की ओर से पिछले तीन दिनों से उन्हें लगातार पूछताछ के लिए बुलाया जा रहा था। मंगलवार को भी उन्हें समन कर पूछताछ के लिए ही बुलाया गया था। इसके बाद देर शाम में मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
पहले से चल रही जांच में ईडी ने सुपरटेक और उसके निदेशकों की 40 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति को एंटी मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत कुर्क किया था, जिसमें उत्तराखंड के रुद्रपुर में स्थित 25 अचल संपत्तियों और उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर में मेरठ मॉल को कुर्क किया गया था। इन कुर्क की गई संपत्तियों का कुल मूल्य 40.39 करोड़ रुपये बताया गया था।
दिल्ली पुलिस, हरियाणा पुलिस और उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा दर्ज विभिन्न एफआईआर के आधार पर सुपरटेक ग्रुप ऑफ कंपनीज और अन्य के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत ईडी ने जांच शुरू की थी। सभी एफआईआर में यह आरोप लगाया गया था कि कंपनी और उसके निदेशक अपनी रियल एस्टेट परियोजनाओं में बुक किए गए फ्लैटों के खिलाफ संभावित खरीदारों से अग्रिम रूप से धन एकत्र करके लोगों को धोखा देने की आपराधिक साजिश में शामिल हैं।
जिसके बाद ईडी ने पीएमएलए के तहत जांच शुरू की थी। जांच में पाया गया था कि खरीदारों से फ्लैट्स के नाम पर मोटी रकम इक्क्ठा की गई, उन्हें समय पर पजेशन नहीं दिया गया, साथ ही प्रोजेक्ट के नाम पर बैंकों से लिया गए लोन का भी इस्तेमाल नियमों के विपरीत किया गया। पूछताछ में जब ईडी आज संतुष्ट नहीं हुई तो आरके अरोड़ा की गिरफ्तारी की गई। आरके अरोड़ा बिल्डरों के संगठन नेरेडको के चैयरमेन भी है। अरोड़ा की गिरफ्तारी से सुपरटेक समूह के फ्लैट ख़रीदारों को उनका आशियाना मिलने में देरी हो सकती है।
इंडिया बुल्स ने दर्ज कराई थी 425 करोड़ की धोखाधड़ी में एफआईआर
इंडियाबुल्स फाइनेंस कंपनी के अधिकारी ने सुपरटेक बिल्डर के प्रमोटर आरके अरोड़ा, एमडी मोहित अरोड़ा समेत 34 लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप है कि इन्होंने गिरवी रखी संपत्ति को धोखाधड़ी कर बेच दिया, जिससे कंपनी को 425 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ।
इंडियाबुल्स फाइनेंस कंपनी के इंडियाबुल्स की अधिकारी सुनीला सांगवान ने यह मुकदमा सेक्टर-126 थाने में दर्ज कराया गया था। इसमें उनका आरोप लगाया है कि सुपरटेक ने सेक्टर 94 में स्थित सुपरनोवा बिल्डिंग के एस्टेलर टावर में सात लाख चार हजार 393 स्कवायर फीट एरिया की 1293 यूनिट उनके यहां पर गिरवी रख कर लोन लिया था। इनको भी धोखाधड़ी कर बेच दिया। यह मारगेज डील 24 अप्रैल 2018 को पंजीकृत हुई थी। धारा 409, 420,467,468,471,120बी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
सुपरटेक के एमडी को दादरी तहसील में किया नजरबंद
रेरा के द्वारा जारी आरसी की वसूली के लिए जिला प्रशासन ने मई 2023 सख्त कदम उठाया था। बकाया न देने पर सुपरटेक चेयरमैन आरके अरोड़ा को जेल भेजने की नौबत आने पर उन्होंने अपना पेमेंट प्लान जिला प्रशासन को सौंप दिया। जिसके बाद उन्हें छोड़ दिया गया था। सुपरटेक बिल्डर पर लगभग 26 करोड़ रुपये की आरसी बकाया है।
टि्वन टावर से आए थे सुर्खियों में
सेक्टर-93ए में सुपरटेक के टि्वन टावरों को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ध्वस्त कर दिया गया था। प्राधिकरण के प्लानिंग विभाग की ओर से विजिलेंस लखनऊ में सुपरटेक के एमडी आरके अरोड़ा समेत 26 अधिकारियो के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। जिसकी जांच अब अंतिम चरण में चल रही है।


