ग्रीष्म कालीन फलपरिरक्षण प्रशिक्षण शिविर आज से
मांस मेमोरियल सेंटर द्वारा 10 मई से प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी 14वां ग्रीष्मकालीन महिला शिविर का आयोजन किया गया है........

रायपुर। मांस मेमोरियल सेंटर द्वारा 10 मई से प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी 14वां ग्रीष्मकालीन महिला शिविर का आयोजन किया गया है। जिसमें 6 से 9 जून तक, संध्या 4 से 6 बजे तक फलपरिरक्षण प्रशिक्षण पी. महानंद द्वारा दिया जाएगा। जिसमें अनेक प्रकाश के अचार, शर्बत, जेम, जेली, टमाटी सांस बनाना सिखाया जाएगा। आज के इस प्रशिक्षण में पके आम का शर्बत एवं रूहअबजा बनाने के विधि के बारे में जानकारी दी गई।
पके आम का शर्बत
सामग्री : तैयार पके आम का गुदा 1 किलो, शक्कर डेढ किलो, साईट्रीक ऐसिड 10 ग्राम एसेन्स 3 एमएल, पानी 600 एमएल, यलो या आरेन्ज कलर 5 एमएल।
विधि : पूर्णरूप से पके सुगन्धित दशहरा आम का उपयोग करे। साफ पानी में धोने के बाद मसलकर रस निकाले एवं मिक्सी में अच्छी तरह पीस ले, स्टील की छलनी में छानने के बाद रस को नाप ले, निर्धारित मात्रा में शक्कर-पानी एक बर्तन में लेकर आंच पर रखे, चम्मच चलाते जाए, शक्कर धुलने एवं उबाल आने पर साइट्रिक ऐसिड डाले, 2 मिनट के बाद सफेद पतले कपड़े में छाने, कुनकुना होने पर तैयार रस को मिलाए, पुन: छलनी में छाने, अंत में कलर एसेन्स तथा पोटेशियम मेटाबाईसलफाई मिला ले, तत्पश्चात पानी से धुला हुआ कांच की बोतलों में इतना भरी की उपर वाला भाग एक इंच खाली रहे, ढक्कन अच्छी तरह ढक के सीलबंद कर दें।
रूह अफजा-सामग्री : शक्कर 1 किलो, साइट्रिकल ऐसिड 3 ग्राम, रसबेरी कलर 3 एमएल, सफेद एसेन्स 3 एमएल, केवडा ऐसन्स 3 एमएल।
विधि-एक गंज में शक्कर पानी लेकर आंच पर रखे चम्मच से चलाते जाए, शक्कर धुलने और उबाल आने पर साईट्रिक ऐसिड डाले, 2 मिनट के बाद सफेद पतले कपड़े में छाने, कुनकुना ठण्डा करे, शहद और ऐसन्स कलर डाले, गरम पानी से धुला हुए कांच की बोतल में भरे तथा ढक्कन अच्छी तरह ढक के सीलबंद कर दे।
गॉस मेमोरियल सेंटर के संचालक सी तवारिस ने बताया कि गास मेमोरियल सेंटर द्वारा विगत 14 वर्षों से ग्रीष्मकालीन महिला शिविर का आयोजन किया जा रहा है। इस वर्ष 10 मई से प्रारंभ किए गए ग्रीष्मकालिन महिला शिविर में अनेक रोचक विषयों पर प्रशिक्षण दिया गया। गॉस मेमोरियल सेंटर के कार्यक्रम सचिव विलियम थियोफिलस ने बताया कि इस शिविर का समापन 10 जून को संध्या 5 से किया जाएगा।


