सुकमा मुठभेड़ : मौतों की जांच के लिए 'आप' की टीम गठित
6अगस्त को सुकमा पुलिस ने बस्तर के नुलकातोंग में 15कथित नक्सलियों को एक मुठभेड़ में मार गिराने का दावा करते हुए इसे राज्य में लंबे समय से चली आ रही नक्सली हिंसा के खात्मे की ओर कदम बढ़ाने का दावा किया

रायपुर। 6 अगस्त को सुकमा पुलिस ने बस्तर के नुलकातोंग में 15 कथित नक्सलियों को एक मुठभेड़ में मार गिराने का दावा करते हुए इसे राज्य में लंबे समय से चली आ रही नक्सली हिंसा के खात्मे की ओर कदम बढ़ाने का दावा किया था।
आम आदमी पार्टी की छत्तीसगढ़ इकाई ने इस दावे पर संदेह जताते हुए सरकार से इसकी न्यायिक जांच की मांग की है और अपने स्तर पूरी घटना की जांच के लिए एक दल भी गठित किया है।
दल में आप के आदिवासी मोर्चे की अध्यक्ष सोनी सोरी के साथ ही बस्तर लोकसभा अध्यक्ष रोहित सिंह आर्य, केंद्रीय पर्यवेक्षक भानु भारतीय और कोंटा विधानसभा सीट से पार्टी के प्रत्याशी रामदेव बघेल शामिल हैं।
आम आदमी पार्टी के आदिवासी मोर्चे की अध्यक्ष सोनी सोरी ने सुकमा में मृतकों के परिजनों से 7 अगस्त को मुलाकात की, जहां जिला अस्पताल में पोस्टमार्टम मृतकों के किया जा रहा था। उनका कहना है कि पुलिस ने निर्दोष ग्रामीणों की खुलेआम हत्या कर उन्हें नक्सली बता दिया है। जिन लोगों को पुलिस ने मार गिराया है, वह सामान्य किसान थे।
इन 15 मृतकों में से छह तो ऐसे थे, जो 13-15 वर्ष के नाबालिग थे और घटना के समय अपने खेतों में काम कर रहे थे। पुलिस ने इनको घेरकर गोलियों से भून डाला। मारे गए नागरिकों की महिला परिजनों ने कथित मुठभेड़ के बाद कोंटा में पुलिस के खिलाफ अपना रोष भी जताया।
आम आदमी पार्टी के पदाधिकारियों ने बुधवार को यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि अब पुलिस अपनी करतूत छिपाने में व्यस्त हो गई है। यही वजह है कि आप नेता सोनी सोरी को मृतकों के परिजनों से मिलने तक से रोका गया। आम आदमी पार्टी इस मुठभेड़ की न्यायिक जांच की मांग करती है।


