अफगानिस्तान में आत्मघाती बम धमाके में 40 की मौत
अफगानिस्तान की राजधानी में सोमवार को कम समय के अंतराल पर दोहरे आत्मघाती बम धमाके में 8 पत्रकारों समेत कम से कम 29 लोगों की मौत हो गई

कांधार(अफगानिस्तान)। अफगानिस्तान की राजधानी में सोमवार को कम समय के अंतराल पर दोहरे आत्मघाती बम धमाके में 8 पत्रकारों समेत कम से कम 29 लोगों की मौत हो गई। इसके कुछ देर बाद कांधार प्रांत में कार बम विस्फोट में एक मदरसे के 11 विद्यार्थियों की मौत हो गई। आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट ने काबुल धमाके की जिम्मेदारी ली है जिसमें एफपी का मुख्य फोटाग्राफर शाह मिराई समेत आठ पत्रकार मारे गए। कांधार हमले की हालांकि अभी तक किसी भी संगठन ने जिम्मेदारी नहीं ली है।
अफगान मीडिया के मुताबिक, मोटरसाइकिल सवार एक आतंकवादी ने सुबह आठ बजे पुलिस जिला 9 में शशडराक इलाके में पहला विस्फोट किया। इस स्थान पर अफगानिस्तान खुफिया सेवा, रक्षा मंत्रालय, नाटो के कार्यालय और कई विदेशी दूतावास स्थित हैं।
काबुल पुलिस प्रमुख दाऊद अमीन ने कहा कि दूसरा बम विस्फोट इसके लगभग 20 मिनट बाद हुआ। पहले घटनास्थल पर मौजूद शख्स ने स्वयं को उड़ा दिया, जिसमें कई पत्रकार और बचावकर्मी मारे गए।
आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने अपने अमाक समाचार एजेंसी द्वारा इस हमले की जिम्मेदारी ली है। संगठन का कहना है कि खुफिया सेवाओं के मुख्यालयों को निशाना बनाया गया था।
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने दोहरे बम विस्फोटों की निंदा की है। राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक, "निर्दोष नागरिकों, मस्जिद में नमाज अदा कर रहे लोगों, संवाददाताओं को निशाना बनाकर हमला किया गया।"
अमेरिकी राजदूत जॉन बास ने ट्वीट किया, "मैं आज काबुल में हुए दोहरे हमलों की निंदा करता हूं। हम अफगानिस्तान में शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए अफगान लोगों के साथ दृढ़ता से खड़े हैं। हमारी संवेदनाएं सच्चाई के लिए खड़े बहादुर पत्रकारों सहित मारे गए लोगों के साथ है।"
वहीं तीसरे बम धमाके में एक आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटकों से लदे वाहन में सुबह करीब 11 बजे दमन जिले के हाजी अब्दुल्ला खान गांव के पास विस्फोट कर दिया, जिससे पास के मदरसा के 11 विद्यार्थियों की मौत हो गई। हमलावर का लक्ष्य हालांकि इलाके में गश्त लगा रहा रोमानियाई दस्ता था।
विस्फोट में कम से कम 16 लोग घायल हुए हैं। अफगानिस्तान के सीईओ ने कहा, "मीडिया पर हमला लोकतंत्र पर हमला है और यह बेजबानों की आवाज कुचलने का प्रयास है।"


