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पति की दीर्घायु के लिए सुहागिनों ने रखा व्रत

आज व्रत आमवस्या को वट सावित्री व्रत सुहागिनों ने पति की दीर्घायु के लिए रखा.........

पति की दीर्घायु के लिए सुहागिनों ने रखा व्रत
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धमतरी। आज व्रत आमवस्या को वट सावित्री व्रत सुहागिनों ने पति की दीर्घायु के लिए रखा। आज सुबह से ही शहर के कई स्थानों पर सुहागिनों ने वट वृक्ष की पूजा अर्चना कर कथा श्रवण किया। महिलाओं ने पूजा अर्चना करने सुबह से तैयारियां शुरू कर दी थी। हिन्दू धर्म में वट सावित्री व्रत को करवा चौथ के सामान माना जाता है।

स्कंद व भविष्य पुराण के अनुसार वट सावित्री व्रत जेष्ठ शुल्क पक्ष की पूर्णिमा को किया जाता है, लेकिन निर्णय मृतादि के अनुसार यह व्रत जेठ माह के कृष्ण पक्ष के आमवस्या को रखा जाता है। पुराणिक कथाओं के अनुसार ऐसी मान्यता है कि आज के दिन सावित्री अपने पति सत्यवान के प्राण यमराज से वापस लायी थी। तब से वट सावित्री पूजा की शुरूवात हुई। पूजा के लिए सुबह से स्नान कर घर को गंगा जल से पवित्र किया जाता है। व्रत फिर सावित्री व सत्यवान की पूजा कर वट की जड़ में जल अर्पण किया जाता है।

पूजन के समय जल, मौली धागा, रोली, सूत, धूप, चने व फलों का इस्तेमाल किया जाता है। सूती धागे से तीन बार वट वृक्ष की परिक्रमा कर धागा बांधा जाता है। बुजुर्ग महिलाओं द्वारा सुहागिन महिलाओं को कहानियां सुनायी जाता है।


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