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ऐसा सरकारी स्कूल जहां पढ़ती है एकमात्र बच्ची

यूं तो सरकारी स्कूलों में कभी शिक्षकों की कमी तो कभी छात्र छात्राओं की कमी देखने को मिलती

ऐसा सरकारी स्कूल जहां पढ़ती है एकमात्र बच्ची
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पुसौर ब्लाक के मौदहाभांठा स्कूल में एक छात्रा दो शिक्षक
रायगढ़ । यूं तो सरकारी स्कूलों में कभी शिक्षकों की कमी तो कभी छात्र छात्राओं की कमी देखने को मिलती है पर छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में एक ऐसा स्कूल है जहां पढ़ने वाली छात्रा एक है ड्डउसे पढ़ाने वाले 2 स्कूल टीचर हैं अपने आप में सरकारी विभाग का कमाल देखते ही बनता है वह बीते 3 साल से यह सिलसिला चला रहा है इस पूरे मामले में वरिष्ठ अधिकारियों को यह जानकारी तक नहीं है कि रायगढ़ जिला मुख्यालय से मात्र 18 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम मौजा भाटा में ऐसा ही एक अनोखा स्कूल संचालित हो रहा है ।रायगढ़ जिला मुख्यालय से मात्र 16 किलोमीटर दूर स्थित पुसौर ब्लाक के ग्राम नेतनागर क्षेत्र में एक मोहल्ला आता है। मौहदाभांठा मोहल्ला जो चर्चा का विषय बना हुआ है। इस मोहल्ले की कुल आबादी 85 है और यह स्कूल एक सरकारी स्कूल है जिसमें मात्र एक बच्ची पढ़ती है। मौदहाभांठा मोहल्ले के लोगों से जब हमारे संवाददाता ने चर्चा की तो यहां के लोगों प्रमोद कुमार, सत्तेसिंह, हेमंत स्कूल के शिक्षक हेमंत कुमार निरमलकर एवं प्राचार्य हरिशंकर पटेल का कहना था कि यहां के लोगों में जागरूकता की कमी के चलते ऐसा हो रहा है और पढ़ने वाले बच्चों की संख्या भी ना के बराबर हैं एकमात्र बच्ची रोज स्कूल जाती है और उसे 2 शिक्षक पढ़ाते हैं ।

इस पूरे मामले में हमने गांव के अन्य लोगों से भी बात की उनका भी यही कहना था कि और ब्लॉक का स्कूल लगातार 3 सालों से ऐसे ही संचालित हो रहा है जो कि आस-पास के बच्चे यहां पढ़ने के लिए सामने नहीं आते यही हाल उनके माता-पिता का है जो कभी बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार तक नहीं होते। सरकारी स्कूल में दो टीचरों के बीच एक बच्ची पढ़ने के मामले में जिले के शिक्षा अधिकारी को भी जानकारी नही है। जब हमने जब जिले के शिक्षा अधिकारी से जब चर्चा की तो उनको भी यह जानकर आश्चर्य हुआ मौदहा का स्कूल मात्र एक बच्ची को पढ़ा रहा है और पढ़ाने वाले 2 टीचर हैं उनका कहना था कि इस मामले में समीक्षा की जाएगी और उनकी जानकारी में यह बात आई है और जल्दी इस स्कूल में शिक्षकों की युक्तियुक्तकरण और ज्यादा से ज्यादा बच्चे पढ़ें इसकी पहल की जाएगी अगर गांव के बच्चे स्कूल में नहीं आते हैं तो जो बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़ रही है उसे पास के स्कूल में भेजा जाएगा ताकि बच्चे की पढ़ाई आगे जारी रह सके और यहां पढ़ाने वाले शिक्षकों को दूसरी जगह भेजा जा सके। बहरहाल छत्तीसगढ़ का यह अनोखा स्कूल चर्चा का विषय बना हुआ है जहां एक बच्ची को 3 सालों से 2 टीचर पढ़ा रहे हैं उसकी जानकारी तक विभागीय अधिकारियों को नहीं है।


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