बिना टेस्ट ट्यूब 42 वर्ष की नि:संतान महिला के गर्भ धारण में सफलता
संतान सुख की आस लिए 18 वर्षों से कई अस्पतालों का चक्कर काट चुके एक दम्पत्ति को अंतत: कृष्णा हॉस्पिटल में इलाज करवाने के पश्चात उम्मीद की किरण नजर आ रही है

18 वर्षों से भटकते दंपती की अब आस होगी पूरी
कोरबा। संतान सुख की आस लिए 18 वर्षों से कई अस्पतालों का चक्कर काट चुके एक दम्पत्ति को अंतत: कृष्णा हॉस्पिटल में इलाज करवाने के पश्चात उम्मीद की किरण नजर आ रही है। बीते 18 वर्षों में दम्पत्ति अनेकों अस्पतालों का महज इसलिए चक्कर काटते रहे कि उनके भी जीवन में संतान सुख की चाहत पूरी हो सके।
सभी जगह अनेकों जांच एवं इलाज के बाद भी सफलता हाथ न लगने पर किसी परिचित द्वारा कृष्णा हॉस्पिटल में इनफर्टिलिटी ट्रीटमेंट की सफलता के बारे में जानकारी मिली। उन्होंने आखिरी बार इलाज करवाने का निर्णय लिया।
कृष्णा हॉस्पिटल की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रीति उपाध्याय ने विभिन्न जांच एवं इलाज के पश्चात महज़ 3 महीने के दौरान ही ओव्यूलेशन इंडक्शन एवं आईयूआईके द्वारा 42 वर्षीय महिला का गर्भ धारण कराया।
दंपत्ति के लिए यह बिल्कुल ही अविश्वसनीय था। यह अपने आप में बहुत बड़ी सफलता थी क्योंकि आईव्हीएफ टेस्ट ट्यूब बेबी द्वारा भी माँ का अपने अंडे से गर्भ धारण कठिन था।
आज आईव्हीएफ के बढ़ते चलन में भी प्राकृतिक तरीके से डॉ. उपाध्याय के सफल प्रयोग से प्रत्येक दंपत्ति को मातृत्व सुख दिलाने की यह कृष्णा हॉस्पिटल की अनूठी पहल निराश दंपत्ति के माता-पिता बनने की उम्मीद पूर्ण करेगी।
इनफर्टिलिटी का इलाज संभव-प्रीति
कृष्णा हॉस्पिटल की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रीति उपाध्याय ने बताया कि नि:संतान महिलाओं का ओव्यूलेशन इंडक्शन एवं आईयूआई से इनफर्टिलिटी का इलाज संभव है।
ऐसे में आईव्हीएफ तकनीक को प्रथम उपचार के रूप में चुनाव करना सही नहीं है। पेसेंट की उम्र अधिक 42 वर्ष होने के कारण महिला का ओवेरियन रिज़र्व बहुत कम था। इसके अलावा उसके पति 46 वर्ष को हायस्पोर्मिया की समस्या थी।
इसके बाद भी 3 महीने तक चले इलाज में ओव्यूलेशन इंडक्शन एवं आईयूआईके द्वारा सलतापूर्वक गर्भ धारण कराया गया ।


