सुब्रता भट्टाचार्य ने कहा-छेत्री के दूसरी बार एशियन कप खेलने पर हमें गर्व है
संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में पांच जनवरी से शुरू होने वाले एएफसी एशियन कप में जब भारतीय फुटबाल टीम के लिए रिकॉर्ड गोल करने वाले सुनील छेत्री मैदान पर उतरेंगे

नई दिल्ली। संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में पांच जनवरी से शुरू होने वाले एएफसी एशियन कप में जब भारतीय फुटबाल टीम के लिए रिकॉर्ड गोल करने वाले सुनील छेत्री मैदान पर उतरेंगे तो यह छेत्री और उनके ससुर सुब्रता भट्टाचार्य के लिए गर्व का क्षण होगा। छेत्री ने पिछले साल दिसंबर में राष्ट्रीय टीम के पूर्व डिफेंडर और मोहन बागान के महान खिलाड़ी सुब्रता भट्टाचार्य की बेटी सोनम भट्टाचार्य से शादी की थी।
अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ (एआईएफएफ) के अनुसार, भट्टाचार्य 1984 में हुए एशियन कप में भाग लेने वाली भारतीय टीम का हिस्सा थे जबकि छेत्री दूसरी बार इस टूर्नामेंट में हिस्सा लेंगे। वह 2011 में भी एशियन कप में खेल चुके हैं और पहले भारतीय खिलाड़ी हैं, जो दो बार इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में भाग लेंगे।
भट्टाचार्य ने कहा, "यह बहुत गर्व की बात है कि हमारे परिवार के दो सदस्य एएफसी एशियन कप में खेलेंगे। मैं 1984 में खेला था और छेत्री ने 2011 में और अब वह दूसरी बार एशियन कप में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। बहुत कम ही खिलाड़ी ऐसा कर पाए हैं और इस कारण हमें अधिक गर्व हो रहा है।"
छेत्री के करियर में भट्टाचार्य का योगदान बहुत बड़ा रहा है। एक कोच के रूप में उन्होंने ही छेत्री को मोहन बागान के लिए चुना था।
भट्टाचार्य ने कहा, "मैंने उसकी क्षमता को तब देखा जब वह एक किशोर था और उसे मोहन बागान की ओर से खेलने का मौका दिया। सुनील और सुब्रत पॉल अन्य बच्चों के साथ मोहन बागान में ट्रायल देने आए थे और मैंने उन्हें उनकी क्षमता को देखते हुए उन्हें चुना।"
यह पूछे जाने पर कि वह कौन सी चीज है जो सुनील को अन्य खिलाड़ियों से बेहतर बनाती है?
भट्टाचार्य ने कहा, "सुनील हमेशा खेल में शामिल रहना चाहते हैं। चाहे वह किसी भी टीम की आरे से खेलें। मैंने यह चीज श्याम थापा और मोहम्मद हबीब में भी देखी थी और यह उन्हें बाकी खिलाड़ियों से अलग करती है। मौजूदा समय में सुनील ही एकलौते ऐसे खिलाड़ी हैं जिसकी तुलना हम 60 और 70 के देशक के महान खिलाड़ी चुन्नी गोस्वामी, पीके बनर्जी, इंदर सिंह और श्याम थापा के साथ कर सकते हैं। छेत्री दोनों पैर से बेहतरीन गोल कर सकते हैं, छोटे कद के बावजूद अच्छे हेडर मार सकते हैं और उनकी पासिंग भी उन्हें अन्य खिलाड़ियों से बेहतर बनाती है।"
भारतीय टीम एशियन कप के पहले मैच में छह जनवरी को थाईलैंड से भिड़ेगी।


