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पाम की प्रदर्शनी लोगों में कौतुहल का विषय

 राजिम कुंभ मेला में प्रतिवर्ष लगने वाले कृषि विभाग द्वारा जैविक कृषि मेला के अंतर्गत किसानों के लिए प्रदर्षनी लगाकर उन्नत कृषि की जानकारी दी जाती है

पाम की प्रदर्शनी लोगों में कौतुहल का विषय
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राजिम। राजिम कुंभ मेला में प्रतिवर्ष लगने वाले कृषि विभाग द्वारा जैविक कृषि मेला के अंतर्गत किसानों के लिए प्रदर्षनी लगाकर उन्नत कृषि की जानकारी दी जाती है। इस वर्ष भी उद्यानिकी विभाग के स्टॉल में मुख्य आकर्षण काले अंगूर के समान दिखने वाला पॉम का फल है।

जिसके बीज से तेल निकाला जाता है और यह तेल विभिन्न वनस्पति, खाद्य उत्पाद बनाने में उपयोग किया जाता है। पॉम की खेती की संभावना छत्तीसगढ़ क्षेत्र में काफी अच्छी मानी जा रही है। क्योंकि छत्तीसगढ़ की जलवायु और पर्यावरण पॉम की खेती के अनुकूल माना जा रहा है। यदि किसान अपने खेत की मेढ़ो के आसपास खाली जगह में पॉम के झाड़ लगाते है तो उन्हें कृषि उत्पाद के अलावा इस पॉम के उत्पादन से अतिरिक्त आय ले सकते है।

उद्यानिकी विभाग गरियाबंद जिले के फिंगेष्वर ब्लॉक के एचओडी एसपी धु्रववंषी ने बताया कि ऑयल पॉम दर्षनार्थियों को अच्छा लुभा रहे है क्योंकि दूर से देखने पर वे काला अंगूर सा दिखाई दे रहे है। छुने पर बहुत ही ठोस है, दर्षनार्थी इन्हें छुकर देख भी रहे है क्योंकि ये खाने के तेल के काम आते है। श्री धु्रववंषी ने बताया कि ऑयल पॉम तीन साल में फल देने लग जायेगा और एक पेड़ 30 वर्षो तक जीवित रहेगा। कम से कम 10 पेड़ से 2 टिन तेल की प्राप्ति होगी।

सरकार के द्वारा प्रति हेक्टेयर इस पौधे को लगाने पर 12 हजार रूपये का अनुदान भी प्राप्त होगा। उन्होंने बताया कि क्षेत्र के किसानों को पॉम की खेती के लिए उत्साहित और प्रोत्साहित किये जाने का काम विभाग के अधिकारी और कर्मचारी द्वारा किया जा रहा है। इसके अलावा हाईब्रिट क्वालिटी आम, अमरूद, एप्पल बेर, नीबू, संतरा, मौसब्बी, भाटा, गोभी, टमाटर, सेमी, अदरक, हल्दी सहित अन्य सब्जियों के उत्पादन की जानकारी भी उद्यानिकी विभाग के इस स्टॉल में दी जा रही है।

इस जैविक कृषि मेला में उन्नत प्रकार की खेती की प्रदर्षनी भी लगाई गई है। जिसमें बताया जा रहा है कि किसान किस प्रकार बड़ी क्षेत्र में विभिन्न प्रकार की फसलें उगा सकते है। इसमें एक ओर सब्जी की खेती दूसरी ओर फूल की खेती तीसरी ओर धान की खेती चौथी ओर मछली पालन किया जा सकता है जिससे किसानों अधिक आमदनी हो सकती है।


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