उप्र विश्वविद्यालय अधिनियम संशोधन समिति ने रिपोर्ट सौंपी
उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम, 1973 में आवश्यक संशोधन किए जाने के लिए गठित सात-सदस्यीय समिति ने गुरुवार को अपनी 21-पृष्ठीय रिपोर्ट कुलाधिपति राम नाईक को सौंपी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम, 1973 में आवश्यक संशोधन किए जाने के लिए गठित सात-सदस्यीय समिति ने गुरुवार को अपनी 21-पृष्ठीय रिपोर्ट कुलाधिपति राम नाईक को सौंपी। राम रिपोर्ट का अध्ययन कर उचित सुझाव राज्य सरकार को भेंजेंगे।
कुलाधिपति से मिलने वालों में समिति के अध्यक्ष व राज्यपाल के विधि परामर्शी एस.एस. उपाध्याय, विशेष सचिव (उच्च शिक्षा) मधु जोशी, उच्च शिक्षा निदेशालय विधि प्रकोष्ठ के प्रभारी डॉ. शैलेंद्र कुमार तिवारी और ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती उर्दू, अरबी-फारसी विश्वविद्यालय के कुलसचिव शैलेश कुमार शुक्ल शामिल थे।
इससे पहले 27 मई, 2017 को कुलाधिपति की अध्यक्षता में उप-मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा के साथ राजभवन में एक बैठक का आयोजन किया गया था, जिसमें राज्य के विश्वविद्यालयों में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए आवश्यकताओं के अनुरूप संशोधन पर विचार-विमर्श किया गया था।
बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसरण में राज्य सरकार ने 16 जून, 2017 को कुलाधिपति के विधिक परामर्शदाता की अध्यक्षता में सात सदस्यीय समिति का गठन किया था। समिति को विश्वविद्यालय अधिनियम में संशोधन के लिए छह माह में रिपोर्ट देने तथा राज्य के समस्त निजी विश्वविद्यालयों के अलग-अलग अधिनियमों के स्थान पर एकल अधिनियम का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए कहा गया था।


