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मिशनरी संस्थाओं व तमिलनाडु सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरे छात्र

तमिलनाडु में स्कूल छात्रा की आत्महत्या का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस पूरे प्रकरण से गुस्साए छात्रों ने सोमवार को तमिलनाडु भवन के बाहर जबरदस्त प्रदर्शन किया

मिशनरी संस्थाओं व तमिलनाडु सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरे छात्र
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दिल्ली। तमिलनाडु में स्कूल छात्रा की आत्महत्या का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस पूरे प्रकरण से गुस्साए छात्रों ने सोमवार को तमिलनाडु भवन के बाहर जबरदस्त प्रदर्शन किया। छात्रों ने आरोप लगाया कि तमिलनाडु की इस लड़की पर धर्मपरिवर्तन के लिए दवाब बनाया गया जिसके कारण उसने आत्महत्या की। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने तमिलनाडु सरकार एवं मिशनरी संस्थाओं के विरोध में दिल्ली के तमिलनाडु भवन के सामने जबरदस्त प्रदर्शन किया। छात्रों ने इस प्रकरण की निष्पक्ष जांच एवं दोषियों को सजा देने की मांग की है।

प्रदर्शन के दौरान पुलिस द्वारा छात्रों पर लाठी चार्ज किया गया तथा कई छात्रों को जबरन गिरफ्तार भी किया गया। इस घटनाक्रम में कई कार्यकर्ताओं को चोट भी आयी है। प्रदर्शन कर रहे छात्रों को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर मंदिर मार्ग पुलिस थाना ले जाया गया।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का कहना है कि कुछ दिन पहले तमिलनाडु के तंजावुर जिले के सेक्रेड हार्ट्स हाई स्कूल की छात्रा लावण्या का स्कूल में ही कार्यरत दो कर्मचारियों ने जबरन ईसाई धर्म में धर्म परिवर्तन की कोशिश की। विद्यार्थी परिषद का कहना है कि इस असहनीय यातना के कारण आत्महत्या छात्रा को करनी पड़ी थी। इसके खिलाफ अभाविप ने पूरे देश भर में जिलाधिकारियों को ज्ञापन सौंपा था एवं छात्रा के न्याय की मांग प्रदेश के राज्यपाल से की थी।

सोमवार के प्रदर्शन के दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकतार्ओं ने तमिलनाडु सरकार से इस पूरे प्रकरण की हाइकोर्ट द्वारा निर्देशित सीबीआई जांच के निर्णय को भी शीघ्रातिशीघ्र क्रियान्वित करने की मांग की।

प्रदर्शन के दौरान उपस्थित अभाविप के सिद्धार्थ यादव ने कहा कि,लावण्या के न्याय के लिये तमिलनाडु सरकार के खिलाफ हमने प्रदर्शन किया एवं तमिलनाडु सरकार से जल्द जल्द दोषियों की करवाई करने की मांग। हमें जब जब लावण्या के न्याय के के लिए सड़क पर उतरना पड़ेगा हम तब तब सड़क पर उतरेंगे।

अभाविप की महामंत्री निधि त्रिपाठी ने कहा मिशनरी स्कूल द्वारा लावण्या को इतना प्रताड़ित किया गया कि वह आत्महत्या करने पर मजबूर हो गई, हमारी लड़ाई तब तक चलेगी जब तक ऐसे काम करने वाले लोगो का अस्तित्व नहीं मिट जाता। अभाविप तब तक संघर्ष करेगी, जब तक अपने धर्म के लिए आवाज उठाने वाली कोई भी लावण्या, मिशनरियों के कारण असुरक्षित महसूस करती है।


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