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दारू पीकर पढ़ाने वाले शिक्षकों का प्रदेश छात्रों ने खोली शिक्षा विभाग की पोल

विकास यात्रा में सामने आई शासकीय स्कूलों की हकीकत। सवा सौ छात्रों की संख्या वाले‌ स्कूल में मात्र 12-15 बच्चे। पढ़ाई नहीं होती तो क्यों जाएँ स्कूल? भितरवार के मुसहारी ग्राम के‌‌ स्कूल की घटना। प्रशासनिक अधिकारियों के सामने बच्चों ने बताई हकीकत

दारू पीकर पढ़ाने वाले शिक्षकों का प्रदेश छात्रों ने खोली शिक्षा विभाग की पोल
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ग्वालियर: "मास्टर साहब दारू पीकर पढ़ाते हैं, अभी भी इनके बेग में दारू रखी है। पैसे नहीं हैं तो प्रायवेट स्कूलों में नहीं जा सकते, यहां पढ़ाई होती नहीं।" यह हकीकत स्कूल के बच्चों ने उस समय प्रशासनिक अधिकारियों को बताई जब विकास यात्रा भितरवार के गांव मुसहारी पहुँची। अजब मध्यप्रदेश के गजब सरकारी स्कूल की यह हकीकत उस समय उजागर हो गयी जब मध्यप्रदेश सरकार की विकास यात्रा
इस वीडियो ने मध्यप्रदेश सरकार के उन सारे दावों की पोल खोल दी जो शिक्षा के विकास को लेकर किये जाते हैं। शिक्षा विभाग किस तरह खानापूर्ति कर रहा है इसकी हकीकत डीबी लाइव संवाददाता ने कुछ माह पूर्व भी कई स्कूलों का रियलिटी चेक कर किया था, उस समय कई स्कूलों में शिक्षक गायब थे, एक स्कूल के बाथरूम में कंडोम तक मिले थे।
लेकिन शिक्षा विभाग उसके बाद भी कुम्भकर्ण की नींद सोता रहा। अब स्कूल में शिक्षक द्वारा शराब पीकर पढ़ाने का मामला सामने आया है।इस मामले में देशबंधु सम्वाददाता ने जिला शिक्षा अधिकारी से बात की तो वह बिल्कुल गम्भीर नजर नहीं आये।
उन्होंने कहा कि समय समय पर मोनिटरिंग कर व्यवस्था सुधारने का प्रयास किया जाता है। लेकिन शिक्षा विभाग क्या प्रयास करता है और उनकी मोनिटरिंग कितनी प्रभावशाली है इसकी हकीकत इन मासूम बच्चों ने तहसीलदार शिवानी पांडे के सामने खोल कर रख दी।
अभी तक इन गैर जिम्मेदार शिक्षकों पर कोई कार्यवाही नहीं हुई है। इसी बात से आप शिक्षा विभाग की निष्क्रियता का अंदाज लगा सकते हैं। बड़ा प्रश्न यह है कि इस बदहाल शिक्षा व्यवस्था के चलते प्रदेश की भाजपा सरकार किस विकास की बात कर रही है।


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