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एमएचआरडी सचिव की मदद से छात्र पहुंचे अपने घर

मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सचिव अमित खरे के हस्तक्षेप एवं सहयोग से दिल्ली में फंसे सैकड़ों छात्रों को लॉकडाउन के बीच सुरक्षित जम्मू-कश्मीर समेत देश के विभिन्न हिस्सों में उनके घरों को पहुंचाया गया

एमएचआरडी सचिव की मदद से छात्र पहुंचे अपने घर
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नई दिल्ली। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सचिव अमित खरे के हस्तक्षेप एवं सहयोग से दिल्ली में फंसे सैकड़ों छात्रों को लॉकडाउन के बीच सुरक्षित जम्मू-कश्मीर समेत देश के विभिन्न हिस्सों में उनके घरों को पहुंचाया गया। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, दिल्ली में फंसे ये सभी युवा जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्र हैं। लॉकडाउन के कारण विश्वविद्यालय बंद है और सभी शिक्षण कार्य ऑनलाइन संचालित किए जा रहे हैं। सैकड़ों की संख्या में बिहार, झारखंड, यूपी और अन्य राज्यों के छात्रावासों में रहने वाले छात्रों को भी घर वापस भेजने की व्यवस्था की गई है। इन सभी छात्रों को विशेष बसों से उनके घरों तक पहुंचाने की व्यवस्था की गई।

वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अमित खरे ने इस विषय पर जम्मू-कश्मीर एवं अन्य राज्यों के रेजिडेंट कमिश्नर से संपर्क कर छात्रों की घर वापसी सुनिश्चित करवाई। जम्मू-कश्मीर के लिए छात्र विशेष बस से श्रीनगर के लिए रवाना हुए। उनके साथ विश्वविद्यालय के दो सुरक्षा गार्ड भी थे।

श्रीनगर पहुंचने पर सरकार के एसओपी निर्देशों के अनुरूप उन्हें क्वरंटीन किया गया और कोरोना वायरस के लिए मेडिकल टेस्ट किए गए। अधिकांश छात्र टेस्ट में नेगेटिव पाए जाने के बाद अपने घर चले गए हैं, जबकि कुछ छात्रों के परिणाम का अभी इंतजार है।

अपने घर पंहुचने पर छात्रों ने विश्वविद्यालय के अधिकारियों, एमएचआरडी के मुख्य सचिव और जम्मू-कश्मीर प्रशासन को, हॉस्टल में रहने के दौरान लगातार मदद और हौसला देने के लिए आभार व्यक्त किया। छात्रों को 10 मई से 23 मई तक विशेष बसों के द्वारा उनके घर भेजा गया।

कुलपति प्रो. नजमा अख्तर ने कहा, रजिस्ट्रार ए.पी. सिद्दीकी (आईपीएस), ओएसडी प्रशासन तनवीर जेड. अली, डीएसडब्ल्यू प्रो. मेहताब आलम, चीफ प्रॉक्टर प्रो. वसीम ए. खान, बॉयज एंड गर्ल्स हॉस्टल के प्रोवोस्ट्स, वार्डन और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों ने छात्रों की सुरक्षित और सुचारु यात्रा के लिए टीम के रूप में काम किया।

जामिया प्रशासन ने छात्रों से अनुरोध किया है कि विश्वविद्यालय से उचित वैरिफिकेशन के बिना किसी भी सोशल मीडिया पोस्ट या संदेशों पर विश्वास न करें। जिन अन्य राज्यों के छात्र अभी छात्रावासों में रह रहे हैं, उन्हें उनके घर वापस भेजे जा सकने के लिए विश्वविद्यालय उन राज्य सरकारों के अधिकारियों से लगातार संपर्क में है।


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