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सीबीएसई बोर्ड के नाम पर छात्रों से खिलवाड़

  यहां संचालित एक प्रायवेट स्कूल के प्रबंधन द्वारा अपने ही स्कूल के छात्रों के साथ किये गये जबरदस्त धोखाधड़ी का मामला सामने आया है

सीबीएसई बोर्ड के नाम पर छात्रों से खिलवाड़
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रायगढ़। यहां संचालित एक प्रायवेट स्कूल के प्रबंधन द्वारा अपने ही स्कूल के छात्रों के साथ किये गये जबरदस्त धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। स्कूल के ही छात्रों ने आज कलेक्टर को एक आवेदन देकर इस पूरे किस्से को उजागर किया है। कुछ ज्यादा रूपया कमाने के लालच में छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाला यह मामला अपने-आप में गंभीर है, इस स्थिति के लिए जवाबदेह लोगों को हरगिज नहीं बख्शा जाना चाहिए।

रंजीत पब्लिक स्कूल के कक्षा दसवीं के छात्रों ने आज जनदर्शन में कलेक्टर को दिए गए आवेदन पत्र में यह बताया है कि वे पूर्व से रंजीत स्कूल के ही छात्र हैं पिछले शिक्षा-सत्र में कक्षा 9 वीं की परीक्षा सीबीएसई पाठ्यक्रम में दी थी और उत्तीण होने के बाद कक्षा दसवीं में अध्ययनरत हैं, पूरे वर्ष उन्हें सीबीएसई पाठ्यक्रम के अनुसार पढ़ाया गया है और उसी पाठयक्रम में प्रवेश भी दिया गया था। पूरे साल पढ़ाई के दौरान छात्रों से न तो कभी सीबीएसई बोर्ड का फार्म भराया गया और न प्रवेश पत्र दिया गया, पूछने पर फार्म आने वाला है जैसा टाल-मटोल वाला जवाब दिया जाता था।

जब छात्रों को अखबारों से यह पता चला कि सीबीएसई दसवीं बोर्ड की परीक्षा मार्च में होने वाली हैं इस बाबत जब प्राचार्य से छात्रों ने चर्चा की तो बताया गया है कि कुछ कारणों से स्कूल को सीबीएसई बोर्ड से मान्यता नहीं मिली हैं इसलिए एनआईओएस (ओपन) से परीक्षा दिलाने की व्यवस्था की जा रही है यहां यह बताना होगा कि इस स्कूल में दसवीं कक्षा के कुल 9 छात्र हैं जिन्हें यहां झांसा दिया गया था कि रंजीत पब्लिक स्कूल सीबीएसई बोर्ड द्वारा मान्यता प्राप्त स्कूल है, इसी झांसे में आकर इन छात्रों के अभिभावकों ने अच्छी पढ़ाई की उम्मीद में सालान 32 हजार रूपये जमा करके अपने बच्चों का दाखिल यहां कराया था, हकीकत यह है कि रंजीत पब्लिक स्कूल के नाम सीबीएसई बोर्ड द्वारा मान्यता प्राप्त स्कूलों की सूची में है ही नहीं।

रंजीत पब्लिक स्कूल प्रबंधन ने अपने छात्रों और अभिभावकों के साथ ही नहीं प्रशासन को भी गलत जानकारी देकर मान्यता प्राप्त की गई है। स्कूल प्रबंधन द्वारा हर साल फीस से मनमाने वृद्धि कर छात्रों से तो वसूला जाता है लेकिन शिक्षा विभाग को फीस की भी गलत जानकारी दी जाती है। वसूले गये शिक्षण शुल्क के एवज में छात्रों को कोरे कागज में राशि लिखकर रसीद दी जाती है जिसमें स्कूल का नाम तक नहीं रहता।

स्कूल प्रबंधन द्वारा की गई धोखाधड़ी से प्रभावित छात्रों ने कलेक्टर शम्मी आबिदी से मांग की है कि उनके भविष्य को ध्यान में रखते हुए किसी दसवीं सीबीएसई बोर्ड से मान्यता प्राप्त स्कूल के माध्यम से उनका फार्म भराया जाये तथा परीक्षा में शामिल कराया जाए, साथ ही रंजीत पब्लिक स्कूल की मान्यता रद्द कर उसके प्रबंधन के खिलफ उचित कानूनी कार्यवाही की जाये।


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