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ट्रम्प के हार्वर्ड में नामांकन रद्द करने के निर्णय के बाद छात्र दहशत में

अमेरिका में डोनाल्ड ट्रम्प प्रशासन के विदेशी नामांकन को रद्द करने के बाद हार्वर्ड के अंतर्राष्ट्रीय छात्र पूरी तरह से दहशत का अनुभव कर रहे हैं

ट्रम्प के हार्वर्ड में नामांकन रद्द करने के निर्णय के बाद छात्र दहशत में
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वाशिंगटन। अमेरिका में डोनाल्ड ट्रम्प प्रशासन के विदेशी नामांकन को रद्द करने के बाद हार्वर्ड के अंतर्राष्ट्रीय छात्र पूरी तरह से दहशत का अनुभव कर रहे हैं।

सीएनएन की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया भर के छात्र इस बात से चिंतित हैं कि अगर वे देश से बाहर निकलते हैं तो उनके वीज़ा रद्द कर दिए जाएँगे, शोध निलंबित कर दिए जाएँगे और उन्हें अमेरिका में फिर से प्रवेश करने से रोक दिया जाएगा।

हार्वर्ड के प्रमुखों द्वारा संघीय अदालत में मुकदमा दायर करने के बाद एक संघीय न्यायाधीश ने शुक्रवार को ट्रम्प प्रशासन के प्रतिबंध को अस्थायी रूप से रोक दिया।

हार्वर्ड ने तर्क दिया है कि छात्र और विनिमय आगंतुक कार्यक्रम में इसके प्रमाणन को रद्द करना सरकार की वैचारिक रूप से निहित नीतिगत मांगों को अस्वीकार करने के लिए ''स्पष्ट प्रतिशोध'' था।

पाकिस्तानी मूल के निवासी हार्वर्ड छात्र निकाय के सह-अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद सियाल ने सीएनएन को बताया कि हज़ारों अंतरराष्ट्रीय छात्र बेहद डरे हुए हैं क्योंकि वे अपनी वर्तमान कानूनी स्थिति नहीं जानते हैं।

ऑस्ट्रिया के कार्ल मोल्डेन ने कहा, ''वे किशोर हैं, अपने गृहनगरों से हज़ारों मील दूर हैं, हममें से कई लोगों ने हार्वर्ड जैसे विश्वविद्यालय में प्रवेश पाने के लिए अपना पूरा जीवन लगा दिया है, और अब हमें इंतज़ार करना होगा और देखना होगा कि क्या हमें कहीं और स्थानांतरित होना पड़ सकता है और वीज़ा के साथ कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।''

मोल्डेन ने कहा कि उन्हें लगता है कि अंतरराष्ट्रीय छात्रों को ''लोकतंत्र और अधिनायकवाद के बीच इस बड़ी लड़ाई में गेंद'' के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है।

ट्रम्प के हार्वर्ड में नामांकन रद्द करने के निर्णय के बाद छात्र दहशत में

वाशिंगटन 25 मई (वार्ता) अमेरिका में डोनाल्ड ट्रम्प प्रशासन के विदेशी नामांकन को रद्द करने के बाद हार्वर्ड के अंतर्राष्ट्रीय छात्र पूरी तरह से दहशत का अनुभव कर रहे हैं।
सीएनएन की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया भर के छात्र इस बात से चिंतित हैं कि अगर वे देश से बाहर निकलते हैं तो उनके वीज़ा रद्द कर दिए जाएँगे, शोध निलंबित कर दिए जाएँगे और उन्हें अमेरिका में फिर से प्रवेश करने से रोक दिया जाएगा।
हार्वर्ड के प्रमुखों द्वारा संघीय अदालत में मुकदमा दायर करने के बाद एक संघीय न्यायाधीश ने शुक्रवार को ट्रम्प प्रशासन के प्रतिबंध को अस्थायी रूप से रोक दिया।
हार्वर्ड ने तर्क दिया है कि छात्र और विनिमय आगंतुक कार्यक्रम में इसके प्रमाणन को रद्द करना सरकार की वैचारिक रूप से निहित नीतिगत मांगों को अस्वीकार करने के लिए ''स्पष्ट प्रतिशोध'' था।
पाकिस्तानी मूल के निवासी हार्वर्ड छात्र निकाय के सह-अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद सियाल ने सीएनएन को बताया कि हज़ारों अंतरराष्ट्रीय छात्र बेहद डरे हुए हैं क्योंकि वे अपनी वर्तमान कानूनी स्थिति नहीं जानते हैं।
ऑस्ट्रिया के कार्ल मोल्डेन ने कहा, ''वे किशोर हैं, अपने गृहनगरों से हज़ारों मील दूर हैं, हममें से कई लोगों ने हार्वर्ड जैसे विश्वविद्यालय में प्रवेश पाने के लिए अपना पूरा जीवन लगा दिया है, और अब हमें इंतज़ार करना होगा और देखना होगा कि क्या हमें कहीं और स्थानांतरित होना पड़ सकता है और वीज़ा के साथ कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।''
मोल्डेन ने कहा कि उन्हें लगता है कि अंतरराष्ट्रीय छात्रों को ''लोकतंत्र और अधिनायकवाद के बीच इस बड़ी लड़ाई में गेंद'' के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है।
समीक्षा , जांगिड़


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