Top
Begin typing your search above and press return to search.

9वीं और 10वीं में छात्रों को विषय चुनने का विकल्प

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने 9वीं और 10वीं कक्षा में छात्रों को विषय चुनने का विकल्प दिया है

9वीं और 10वीं में छात्रों को विषय चुनने का विकल्प
X

नई दिल्ली। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने 9वीं और 10वीं कक्षा में छात्रों को विषय चुनने का विकल्प दिया है। सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों में पढ़ने वाले नौवीं और दसवीं कक्षा के छात्रों के लिए सीबीएसई द्वारा इस आशय का नोटिफिकेशन जारी किया गया है। नौवीं और दसवीं कक्षा के छात्रों को इन 9 विषयों में से अभी के मौजूदा पांच विषय, अनिवार्य विषय के रूप में दिए जाएंगे। पांच अनिवार्य विषयों के अलावा छठा विषय कौशल (स्किल्ड एजुकेशन) से जुड़ा है। सातवां विषय तीसरी भाषा के तौर पर छात्र ले सकते हैं।

आर्ट एजुकेशन, हेल्थ और फिजिकल एजुकेशन और वर्क एक्सपीरियंस को आठवें और नौवें पाठ्यक्रम विषय के तौर पर लिया जा सकता है। आठवें और नौंवे विषय का आंतरिक मूल्यांकन स्कूल स्तर पर किया जाएगा।

सभी विषयों को ग्रुप वाइज रखा गया है। अब छात्र ग्रुप के अनुसार ही अपने विषयों का चयन कर पाएंगे। यह सुविधा मिलने से छात्रों को मुख्य विषय, वैकल्पिक विषय और भाषा विषय को चुनने में मदद मिलेगी।

सीबीएसई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "छात्रों को विषयों को चुनने में कई बार कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। विषयों का चयन करने के लिए छात्र अपने अभिभावकों, वरिष्ठ साथियों या शिक्षकों पर निर्भर रहते हैं। हालांकि विषयों को अब ग्रुपों में बांट दिया गया है, जिससे छात्र अपने विषय का चयन आसानी से कर सकेंगे।"

हालांकि 9 विषय होने के बावजूद छात्रों का रिजल्ट पांच विषयों की परीक्षाओं में मिले अंकों के आधार पर ही तय होगा। यानी बोर्ड का रिजल्ट पांच विषयों पर ही जारी होगा। इनमें पांच अनिवार्य विषय के अलावा दो भाषा शामिल हैं। बोर्ड की मानें तो 10वीं स्तर से ही कौशल आधारित शिक्षा देने के लिए बाकी विषय को जोड़ा गया है।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it