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दिल्ली विश्वविद्यालय में पुनर्मूल्यांकन के जरिये कमाई से परेशान छात्र कर रहें प्रदर्शन

दिल्ली विश्वविद्यालय के गणित विभाग के छात्र-छात्रायें बीते महीने 14 फरवरी से प्रदर्शन कर रहे हैं

दिल्ली विश्वविद्यालय में पुनर्मूल्यांकन के जरिये कमाई से परेशान छात्र कर रहें प्रदर्शन
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नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय के गणित विभाग के छात्र-छात्रायें बीते महीने 14 फरवरी से प्रदर्शन कर रहे हैं। फरवरी महीने में इनका सब्र का तब बाँध टूट गया जब उन्हें पता चला कि 80% से ज्यादा छात्र-छात्राएं विभिन्न विषयों में फेल कर दिए गए हैं।

बतादें कि, गणित विभाग के द्वितीय वर्ष के 40 छात्रों में 35 छात्र एक विषय में फेल हैं तो एक अन्य विषय में सभी के औसत 45% अंक भी नहीं हैं। इसी विभाग के प्रथम वर्ष के 300 छात्रों में 150 छात्र एक विषय में फेल हैं तो एक अन्य विषय में 130 फेल।

इससे भी बुरी स्थिति एनसीडब्लूईबी के छात्रों की है जहाँ एक विषय में 60 में 58 छात्र फेल हैं तो एक अन्य विषय में 57 फेल हैं। जो छात्र फेल किये गये हैं वो देश के दूसरे प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं को पास करते हुए अपना लोहा मनवा रहे हैं

वहां दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा हर छात्रों से हर विषय के लिए 1000 रुपये वसूलने के लिए उन्हें फेल किया जा रहा है, ऐसा प्रदर्शन कर रहे छात्र बताते हैं। अलग-अलग विषयों और सेमेस्टर के छात्रों का परीक्षा परिणाम के आधार पर छात्रों द्वारा बनाए आंकडें नीचे दिए हैं।

सूत्रों के अनुसार, छात्राओं द्वारा कक्षा में सवाल पूछे जाने पर केबिन में आ जाना बता दूँगा, ऐसा जवाब छात्रों को सुनने को मिलता है साथ ही कक्षा के दौरान भी अभद्र, लैंगिक भेदभाव, और कथन कहे जाते हैं।

इन सबसे आक्रोशित छात्र पिछले 14 फरवरी से इसके खिलाफ लगातार धरना-प्रदर्शन कर रहें हैं। लगातार धरना प्रदर्शन के बाद 9 मार्च को गणित विभाग के रविन्द्र ने अनिश्चितकालीन हड़ताल को प्रारम्भ किया।

गणित विभाग के छात्र संगठनों द्वारा वी.सी. ऑफिस के सामने विरोध प्रदर्शन करना पड़ा जसके बाद उन्हें बात करने के लिए ऑफिस से बुलाया गया लेकिन किसी प्रकार का हल नहीं निकला। उसके बाद 14 मार्च को एक जनसभा का आयोजन किया गया जिसमें विश्वविद्यालय के अघ्यापक, गणित विभाग के अलावा भौतिकी, रसायन, इंग्लिश, इतिहास विभाग के विद्यार्थियों ने सामूहिक रूप से इस समस्या पर विचार किया और अपनी समस्या को रखी गई।

14 मार्च को रात 10 बजे जब सारे विद्यार्थी अपनी बैठक कर रहे थे तभी पुलिस प्रशासन आयी और 6 दिन से भूख हड़ताल पर बैठे रविन्द्र को जबरदस्ती उठाने का प्रयास किया। इस प्रक्रिया में पुलिस बल ने उपस्थित विद्यार्थियों से हाथापाई की और छात्राओं के साथ पुरुष पुलिसकर्मी द्वारा मारपीट और अभद्रता की गयी। बीएससीईएम अध्यक्ष राजवीर पर शक्ति प्रदर्शन के दौरान जानलेवा हमला का प्रयास किया गया, वहीं डीएसयू सदस्य प्रबल और एसएफआई सुमित, अनिल और नोएल पर पुलिस ने हाथापाई और अभद्रता की फिर घसीट कर मॉरिस नगर थाने ले गई।

हिंसक कृत्य के बाद गणित विभाग के छात्रों ने सामूहिक रूप से नामांकन वापस लेने का निर्णय लिया है और मांग को व्यापक स्तर पर ले जाने का निर्णय लिया। 15 मार्च को इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया जिसमें प्रबल अभी तक की घटनाओं और स्थिति के बारे में बताते हैं जिसका वीडियो लिंक नीचे दिया है।

https://www.youtube.com/watch?v=cFgbymGcRnk

धरने पर बैठे छात्र-छात्राओं ने डीयू प्रशासन और गणित विभाग के सामने अपनी कुछ मांगें रखी हैं। इनमें से कुछ प्रमुख मांगें इस प्रकार हैं -

1. विद्यार्थियों की उत्तर पुस्तिका को बिना शुल्क लिए ही पारदर्शी तरीके से पुनर्मूल्यांकित करने के लिए 15 दिन के अंदर एक स्वतंत्र जांच समिति का गठन किया जाए।

2. हर विद्यार्थी को उसकी उत्तर पुस्तिका दिखाई जाए; चाहे वह इंटरनल परीक्षा हो, हाउस परीक्षा हो या सेमेस्टर परीक्षा हो।

3. वैकल्पिक विषय का चुनाव विद्यार्थियों को उनकी पसंद के आधार पर करने दिया जाए। अंकों के आधार पर नहीं। यह डीयू के राजनीति विज्ञान और राजनीति विभाग में लागू है।

4. जिन विद्यार्थियों के बैकलॉग आए हैं, उनकी पुनर्परीक्षा हर सेमेस्टर परीक्षा के दो महीने के अंदर संपन्न करवाई जाए।

5. कई छात्राओं ने विभाग के शिक्षकों पर अभद्र भाषा के इस्तेमाल का भी आरोप लगाया है। छात्रों के यह भी मांग है कि विभाग में चयनित इंटर्नल कम्पलेंट्स कमेटी (आईसीसी) तत्काल बनाई जाए।


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