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रायबरेली में एक दिन की डीएम बनाई गई छात्रा विशालाक्षी, लोगों की समस्याएं सुनी

उत्तर प्रदेश में 'मिशन शक्ति' कार्यक्रम के तरह इंटरमीडिएट की मेधावी छात्रा विशालाक्षी को एक दिन की जिलाधिकारी बनाया गया। इस दौरान उन्होंने जिलाधिकारी के कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए जनता की समस्याओं को सुनने के अलावा प्रशासनिक कामकाज को समझने की कोशिश की

रायबरेली में एक दिन की डीएम बनाई गई छात्रा विशालाक्षी, लोगों की समस्याएं सुनी
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रायबरेली। उत्तर प्रदेश में 'मिशन शक्ति' कार्यक्रम के तरह इंटरमीडिएट की मेधावी छात्रा विशालाक्षी को एक दिन की जिलाधिकारी बनाया गया। इस दौरान उन्होंने जिलाधिकारी के कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए जनता की समस्याओं को सुनने के अलावा प्रशासनिक कामकाज को समझने की कोशिश की।

उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य की बेटियों के सशक्तिकरण के लिए यह महत्वपूर्ण कदम उठाया है। मिशन शक्ति के तहत परिषदीय और कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) की मेधावी बेटियों को एक दिन के लिए अधिकारी बनाने का निर्णय लिया है। हर जनपद से 100 बालिकाओं का चयन किया जाएगा, जिनमें निपुणता और नेतृत्व क्षमता को प्राथमिकता दी जाएगी।

इसी क्रम में विशालाक्षी को एक दिन का डीएम बनने का मौका मिला है। विशालाक्षी ने जिलाधिकारी रायबरेली हर्षिता माथुर के साथ कार्यालय में बैठकर जनता से वार्तालाप भी किया और पेपर भी साइन किए।

इस बारे में जानकारी देते हुए हर्षिता माथुर ने मीडिया से बात की। उन्होंने कहा, "मिशन शक्ति कार्यक्रम के तहत छात्रा को एक दिन का जिलाधिकारी बनाया गया है। ये कार्यक्रम मिशन शक्ति के तहत हुआ है, जिसमें एक दिवस के लिए जिलाधिकारी बनाने के संबंध में शासन के निर्देश प्राप्त हुए थे। इसी क्रम में हमारे जनपद में मेधावी छात्राओं का चयन किया गया। कुमारी विशालाक्षी एसडी पांडे मेमोरियल कॉलेज से पढ़ी हैं। उनको आज एक दिवस का जिलाधिकारी बनाने के लिए चयनित किया गया था।"

इस अवसर पर विशालाक्षी ने फरियादियों की फरियाद सुन उनका निस्तारण किया। मीडिया से बात करते हुए छात्रा ने खुशी जताई है। हर्षिता माथुर ने इस बारे में आगे जानकारी देते हुए कहा, "विशालाक्षी ने आम जनमानस की समस्याओं के बारे में जानकारी ली। इसके अलावा प्रशासनिक कार्यप्रणाली के बारे में भी जानकारी ली गई। इस दौरान प्रश्न पूछे गए और लोगों से वार्ता भी की गई।"

ज्ञात हो कि, इस कार्यक्रम में सभी जाति, वर्ग और श्रेणियों की बालिकाओं को समान अवसर प्रदान किया जाएगा। सरकार का यह प्रयास बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने और उन्हें प्रशासनिक कार्यों की जमीनी समझ देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।


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