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नौजवान अपने भाग्य का ही नहीं बल्कि देश और समाज का भी भाग्य विधाता है: राष्ट्रपति कोविन्द

 राष्ट्र गीत ‘ भारत भाग्य विधाता’ को परिभाषित करते हुये राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने कहा कि नौजवान अपने भाग्य का ही नहीं बल्कि देश और समाज का भी भाग्य विधाता है

नौजवान अपने भाग्य का ही नहीं बल्कि देश और समाज का भी भाग्य विधाता है: राष्ट्रपति कोविन्द
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अलीगढ। राष्ट्र गीत ‘ भारत भाग्य विधाता’ को परिभाषित करते हुये राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने कहा कि नौजवान अपने भाग्य का ही नहीं बल्कि देश और समाज का भी भाग्य विधाता है।



अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय के 65वें दीक्षान्त समारोंह में आज यहां श्री कोविंद ने कहा कि इस विश्वविद्यालय ने देश में ही नहीं अपुति विदेश में भी शिक्षा के क्षेत्र में कीर्तिमान स्थापित किया है ।



इस अवसर पर उन्होंने अपने संस्मरण सुनाते हुये कहा कि जब वह सरकारी दौरे पर इथोपिया गये तो उस देश के प्रधानमंत्री की पत्नी श्रीमती रोमन ट्रेस फायर ने बताया कि वह अमुवि की छात्र रही है। यह सुन कर गौरव महसूस किया। राजा महेन्द्र्र प्रताप सिंह हो या खान अब्दुल गफ्फार खॅा अथवा रंगभेद की लडाई लडने वाले यूसुफ मोहम्मद दाई, ये सभी विभूतियां इस विश्व विद्यालय की देन है1



उन्होंने कहा कि डा जाकिर हुसैन इस विश्ववि़द्यालय के छात्र के साथ साथ कुलपति भी रहे और देश के राष्ट्रपति भी। आजादी की लडाई के दौरान इंसान की बेहतरी के लिये तालीम देने के लिए देश में बनारस हिन्दू विश्ववि़द्यालय, अलीगढ मुस्लिम विश्ववि़द्यालय तथा जाधव विश्व विद्यालय, जामिया मिलिया और दिल्ली विश्वविद्यालय की स्थापना की गयी ।







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