परीक्षा परिणाम में देरी से छात्रों में आक्रोश
बिलासपुर विश्वविद्यालय स्थापना वर्ष से ही लेटलतीफी के लिए जाना जाता है
बिलासपुर। बिलासपुर विश्वविद्यालय स्थापना वर्ष से ही लेटलतीफी के लिए जाना जाता है। यहां समय से परीक्षा परिणाम जारी होना एक टेढ़ी खीर साबित हो चुका है।
हर सत्र में रिजल्ट में देरी से छात्रों को परेशानी होती है। वह विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा हर साल निर्धारित समय पर रिजल्ट जारी करने की बात कही जाती है। लेकिन समय पर रिजल्ट घोषित नहीं हो पा रहा है।
बिलासपुर विश्वविद्यालय से संबद्ध कालेजों के स्नातक व पीजी के अब भी एक दर्जन से अधिक विषयों के परीक्षा परिणाम जारी नहीं हुए है जिससे दूसरे राज्यों व अन्य विश्वविद्यालय में पढ़ने वालों छात्रों को परेशानियां हो रही है। कालेजों में सम्पन्न हुई परीक्षाओं की उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन अब संपन्न हो गये हैं। वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन माह भर के भीतर मुख्य पाठ्यक्रमों के परिणाम घोषित किये जाने की बात कह रहे हैं। बिलासपुर विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयों में पिछले सत्र में करीब 84000 नियमित व 72000 छात्रों ने स्वाध्यायी परीक्षा के माध्यम से परीक्षा दी थी।
निर्धारित परीक्षा केन्द्रों में कुल 15700 छात्रों ने परीक्षा दी। इस दौरान बीयू प्रशासन ने उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन शुरू कर दिया था, लेकिन मूल्यांकन कर्ता नहीं मिलने से कापी जांचने में देरी हो गई। बिलासपुर विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक प्रवीण पाण्डेय ने बताया कि मूल्यांकन की प्रक्रिया लगभग समाप्त हो गई है। निर्धारित समय पर परीक्षा के परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे। बीयू द्वारा हर दो से तीन दिन के अंतराल में स्नातक व पीजी के परिणाम जारी किये जा रहे हैं। लेकिन जैसे-=जैसे परिणाम जारी हो रहे हैं छात्रों का काफिला विश्वविद्यालय की ओर पहुंच रहा है।
हर दिन विश्वविद्यालय में छात्र-छात्राएं असंतुष्ट परिणाम को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। पिछले सत्र के जैसे ही इस सत्र जारी हो रहे परिणामों में खराब रिजल्ट आ रहे हैं। एक ही कालेज के आधे से ज्यादा छात्र फेल तो एक ही संकाय कक्षाओं के लगभग दस प्रतिशत छात्र फेल हो गये हैं जिससे छात्रों का समूह हर दिन अपनी उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन की पुन: जांच कराने को लेकर विश्वविद्यालय पहुंच रहे हैं।
छात्र नेताओं ने मांगी बैठने की व्यवस्था
विश्वविद्यालय में छात्रसंघ परिसर बंद करने के बाद छात्रों के लिए बैठने की वैकल्पिक व्यवस्था की मांग पूर्व छात्र संघ पदाधिकारियों द्वारा की जा रही है। बीयू के पूर्व छात्रसंघ आलिंद तिवारी ने बताया कि कुछ दिन पहले छात्रसंघ कार्यालय में ताला लगा दिया गया और कार्यकाल समाप्त होने की बात विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा कही गयी। तब हमने इसका विरोध किया और कुलपति रजिस्ट्रार को ज्ञापन देकर कहा कि छात्रों के बैठने की व्यवस्था की जाय मगर अब तक कोई व्यवस्था नहीं की गई है।
हर दिन विश्वविद्यालय में दूर दूराज से छात्र-छात्राएं अपने एडमिशन व अन्य समस्याओं को लेकर आ रहे हैं। लेकिन उनके बैठने की भी जगह नहीं है और पानी गिरने से कही खड़े होते भी छात्रों को नहीं बन पा रहा है।


