बिहार में मतदान प्रतिशत बढ़ाने की पुरजोर कोशिश
बिहार निर्वाचन आयोग इस लोकसभा चुनाव में प्रदेश में मतदान प्रतिशत बढ़ाने की पुरजोर कोशिश में जुटा है। जिला निर्वाचन पदाधिकारियों को भी इसके लिए अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं

पटना। बिहार निर्वाचन आयोग इस लोकसभा चुनाव में प्रदेश में मतदान प्रतिशत बढ़ाने की पुरजोर कोशिश में जुटा है। जिला निर्वाचन पदाधिकारियों को भी इसके लिए अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं।
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में राज्य का मतदान प्रतिशत 57.33 था, जबकि राष्ट्रीय औसत 67.47 था। बताया जा रहा है कि मतदान के दिन अधिक से अधिक मतदाताओं को मतदान केंद्रों तक पहुंचकर अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए उन्हें जागरूक किया जा रहा है। कला, खेल और सामाजिक क्षेत्र से जुड़े युवाओं का भी मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए सहयोग लिया जा रहा है।
पिछले दिनों मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार के नेतृत्व में चुनाव आयोग की टीम जब बिहार पहुंची थी, तब उन्होंने भी इस पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा था कि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में बिहार में 57.33 प्रतिशत मतदान हुआ था। जम्मू-कश्मीर के बाद यह देश में सर्वाधिक कम मतदान वाला राज्य रहा। शहरी क्षेत्रों में मतदाताओं की उदासीनता इसका बड़ा कारण रहा।
आंकड़ों पर गौर करें तो पिछले लोकसभा चुनाव में बिहार में 57.33 प्रतिशत मतदान हुआ था। जबकि, लोकसभा चुनाव 2014 में 56.26 प्रतिशत तथा 2009 में मतदान का प्रतिशत करीब 45 था।
निर्वाचन विभाग के एक अधिकारी बताते हैं कि मतदान प्रतिशत बढ़ाने को लेकर कई तरह के कार्यक्रम कराए जा रहे हैं। शहरों से लेकर गांवों तक में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। जीविका से जुड़ी महिलाओं की भी इस कार्य में मदद ली जा रही है। गांवों की महिलाओं को मतदान के लिए संकल्प दिलवाया जा रहा है।
बताया गया कि मतदान प्रतिशत कम होने का मुख्य कारण शहरी क्षेत्रों में मतदाताओं की उदासीनता रही। शहरी जनसंख्या बहुल 75 प्रतिशत से अधिक विधानसभा क्षेत्रों में राज्य के औसत से भी कम मतदान हुआ था। हालांकि, निर्वाचन विभाग के अधिकारियों को आशा है कि युवा मतदाताओं की बढ़ी संख्या के कारण इस बार मतदान प्रतिशत में अपेक्षित सुधार होगा।


