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वक्फ बोर्ड संशोधन बिल पर गरमाई सियासत, तमाम राजनीतिक दल के नेताओं ने जाहिर की प्रतिक्रिया

वक्फ बोर्ड संशोधन बिल पर राजनीतिक दलों के नेताओं की प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई हैं। कुछ नेता इस बिल का समर्थन कर रहे हैं, जबकि अन्य इसका विरोध कर रहे हैं

वक्फ बोर्ड संशोधन बिल पर गरमाई सियासत, तमाम राजनीतिक दल के नेताओं ने जाहिर की प्रतिक्रिया
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नई दिल्ली। वक्फ बोर्ड संशोधन बिल पर राजनीतिक दलों के नेताओं की प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई हैं। कुछ नेता इस बिल का समर्थन कर रहे हैं, जबकि अन्य इसका विरोध कर रहे हैं। इस बिल पर राजनीतिक दलों के नेताओं की अलग-अलग राय सामने आ रही है, जिससे सियासत गरमा गई है।

कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने वक्फ बोर्ड संशोधन बिल पर एतराज जताया। उन्होंने बिल को संविधान के खिलाफ बताते हुए कहा कि सरकार बंटवारे की राजनीति कर रही है, इस तरह की राजनीति नहीं चलेगी। उन्होंने कहा कि वक्फ के पास दान की गई संपत्ति आती है। इस बिल में सरकार यह प्रावधान कर रही है कि गैर मुस्लिम भी गवर्निंग काउंसिल के सदस्य हो सकते हैं।

उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि क्या अयोध्या मंदिर बोर्ड का हिस्सा कोई गैर-हिंदू बन सकता है? गैर-मुस्लिम को काउंसिल का हिस्सा बनाना धर्म की आजादी के अधिकार पर हमला है।

उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड संशोधन बिल अधिकारों का हनन है, अधिकारों पर चोट है। इस बिल को हरियाणा और महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए लाया गया है। आप (भाजपा) देश के लोगों को बांटना चाहते हैं। उन्होंने नरेंद्र मोदी सरकार की नीयत पर भी सवाल उठाए।

डीएमके सांसद कनिमोझी करुणानिधि ने कहा कि इस बिल के पास होने के बाद नॉन मुस्लिम भी बोर्ड के सदस्य बन सकेंगे, जो गलत है। उन्होंने कहा कि कोई पसंद नहीं करेगा कि जो आपके धर्म का नहीं है, वो आपके धर्म में हस्तक्षेप करे। इस बिल के माध्यम से विशेष समुदाय को टारगेट किया जा रहा है। यह बिल मुस्लिम और अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ है।

टीएमसी सांसद सुदीप बंदोपाध्याय ने भी इस बिल को धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकारों के विरुद्ध बताया। उन्होंने कहा कि यह बिल संविधान विरोधी है।

वक्फ बोर्ड संशोधन बिल को लेकर लोकसभा सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कहा कि बिल में किया जा रहा संशोधन मुसलमान विरोधी नहीं है। उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि कहां मुसलमान विरोधी है? ये मंदिर और संस्था में आपको कोई अंतर नहीं दिख रहा है। मस्जिद से कोई छेड़छाड़ नहीं किया जा रहा है। धर्म के नाम पर कोई बंटवारा नहीं हो रहा है। सरकार का हक है पारदर्शिता लाना, ये लोग भ्रम फैला रहे हैं।

कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पर कहा कि मैं इस विधेयक का विरोध करता हूं। विधेयक के जरिए संविधान की धज्जियां उड़ाने की कोशिश की जा रही है। वक्फ बोर्ड की संपत्ति को खत्म करके आप डीएम राज लाकर बोर्ड की संपत्ति को नष्ट कर रहे हैं।


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