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एकसमान वेतनमान की मांग को लेकर परिषद् कर्मियों का धरना 

एकसमान वेतनमान की मांग को लेकर पालिका भवन में धरना दे रहे नई दिल्ली नगरपालिका परिषद् (एनडीएमसी) के कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद अपना धरना वापस ले लिया है

एकसमान वेतनमान की मांग को लेकर परिषद् कर्मियों का धरना 
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- मुख्यमंत्री और अध्यक्ष ने 15 दिन में मांग पूरी करने का दिया आश्वासन
-वेतन मामले को लेकर गठित रीटा कुमार उपसमिति की रिपोर्ट पूरी तरह लागू करने की मांग
- 64 वर्गों में कार्यरत करीब 700 कर्मियों के वेतन में होनी है बढ़ोत्तरी

नई दिल्ली। एकसमान वेतनमान की मांग को लेकर पालिका भवन में धरना दे रहे नई दिल्ली नगरपालिका परिषद् (एनडीएमसी) के कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद अपना धरना वापस ले लिया है।

कर्मियों के मुताबिक परिषद् में कार्यरत तमाम कर्मियों को वेतन भुगतान में भेदभाव किया जा रहा है। 90 प्रतिशत कर्मियों को दिल्ली ट्रांस्को लिमिटेड (डीटीएल) में देय वेतनमान के आधार पर ज्यादा वेतन दिया जा रहा है। जबकि 10 प्रतिशत कर्मियों को डीटीएल वेतनमान देने में आनाकानी की जा रही है।

नई दिल्ली नगरपालिका कर्मचारी जॉइंट एक्शन कमेटी के संयोजक रविंद्र नाथ भारती ने बताया कि अपनी मांगो को लेकर परसों रात हमने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और परिषद् के अध्यक्ष नरेश कुमार से पालिका भवन में मुलाकात की। इस दौरान अध्यक्ष ने हमारी वेतन संबंधी मांगों को 15 दिन में पूरा करने की बात कही। वहीं, मुख्यमंत्री ने भी 15 दिन में मांग पूरी करने का आश्वासन देते हुए धरना ख़त्म करने की बात कही।

कमेटी के मुताबिक एनडीएमसी में रीटा कुमार उपसमिति की रिपोर्ट को पूरी तरह लागू नहीं किया जा रहा है। हालांकि इसके कुछ अंश लागू कर दिए गए हैं, लेकिन बाकी छोड़ दिए गए हैं। जिसके चलते उद्यान विभाग, जनसंपर्क विभाग, वास्तुकार विभाग, अग्निशमन विभाग और विधि विभाग आदि समेत 64 वर्गों में कार्यरत करीब 700 कर्मियों के वेतन में बढ़ोत्तरी नहीं की जा सकी है।

गौरतलब है कि एनडीएमसी में साल 1973 से दिल्ली विद्युत प्रदाय संस्थान (डेसू) के पैटर्न पर वेतन भुगतान किया जा रहा है, जो वर्तमान में दिल्ली ट्रांस्को लिमिटेड के नाम से जाना जाता है। परिषद् ने इस पैटर्न पर ज्यादातर कर्मचारियों का वेतन तो बढ़ा दिया लेकिन कुछ वर्ग के कर्मियों का वेतन नहीं बढ़ाया गया। वे इस मामले को सर्वोच्च न्यायालय में ले गए। जहां जुलाई 2008 में एनडीएमसी को निर्देश दिया गया कि वह वेतनमान मामले को सुलझाने के लिए इसकी तर्कसंगत व्याख्या करे।

लिहाजा एनडीएमसी ने कर्मियों के वेतनमान तय करने के लिए एक सेवानिवृत आईएएस अधिकारी रीटा कुमार की अध्यक्षता में एक उपसमिति का गठन कर दिया। जिसने पिछले साल अपनी रिपोर्ट परिषद् को सौंप दी। कर्मियों के मुताबिक परिषद् ने इस रिपोर्ट की कुछ सिफारिशें तो मान ली मगर 64 वर्गों में कार्यरत कर्मियों के वेतन में कोई बढ़ोत्तरी नहीं की गई।


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