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सैनिटाइजर, मास्क और राशन की कालाबाजारी पर होगी सख्त कार्रवाई : शिवराज

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति कालाबाजारी करता है और निर्धारित दाम से अधिक दाम में इन्हें बेचता है, तो उसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी

सैनिटाइजर, मास्क और राशन की कालाबाजारी पर होगी सख्त कार्रवाई : शिवराज
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भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश में कोरोना संकट की स्थिति एवं व्यवस्थाओं की आज मंत्रालय में गहन समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि प्रदेश में कहीं भी मास्क, सैनिटाइजर और खाद्य सामग्री आदि की कालाबाजारी नहीं होनी चाहिए। यह सब निर्धारित दाम पर ही बेचा जाना चाहिए।

श्री चौहान ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति कालाबाजारी करता है और निर्धारित दाम से अधिक दाम में इन्हें बेचता है, तो उसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।

मुख्य सचिव इक़बाल सिंह बैंस ने समीक्षा के दौरान बताया कि वर्तमान में कोरोना टेस्टिंग किट्स का स्टॉक 4050 का है, जो पर्याप्त है। आगे भी इनका आना जारी रहेगा। हमारी वर्तमान टेस्ट क्षमता 480 है, जो आगामी 10 अप्रैल तक 1000 हो जाएगी। हमारे पास पीपीई किट्स की संख्या 6000 हो गई है। मध्यप्रदेश में बनी किट्स को डीआरडीओ ने एप्रूव कर दिया है। इस पर मुख्यमंत्री ने बधाई दी तथा कहा कि आवश्यकता से अधिक किट्स होने पर हम अन्य राज्यों को भी दे सकते हैं। पीपीई किट को पहनने से कोरोना संकट में कार्य कर रहे अमले में आत्मविश्वास आता है। हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन गोलियां 2.5 लाख हैं तथा और आ रही हैं। एन 95 मास्क की संख्या 43750 है, जो पर्याप्त है। आवश्यकता अनुसार सभी जिलों को निशुल्क मास्क भिजवाए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने संकट के इस समय में आमजन को सहायता पहुंचाने के कार्यों में जन अभियान परिषद, एनसीसी, एनएसएस आदि का सहयोग लिये जाने के निर्देश दिए। उन्होने कहा कि आज की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए निर्देशों का प्रदेश में पूरा पालन सुनिश्चित किया जाए। प्रत्येक जिले में क्राइसिस मैनेजमेंट दल गठित किए जाएं, जिनमें प्रशासनिक अधिकारियों के साथ ही डॉक्टर, उद्योगपति, सामाजिक कार्यकर्ता आदि रहें, यह कार्य कलेक्टर सुनिश्चित करें।

श्री चौहान ने वृद्धाश्रमों एवं दिव्यांग आश्रमों में भी कोरोना के संबंध में जांच करवाए जाने के निर्देश दिए। उन्होने कहा कि संक्रमण की निगरानी के लिए ड्रोन का प्रयोग भी किया जाए। किसानों के लिए एक मोबाइल एप तैयार किया जाए, जो उन्हें बताए कि उन्हें कृषि संबंधी सहायता कहां मिलेगी तथा कृषि यंत्र, हार्वेस्टर आदि की सूचना किस प्रकार प्राप्त होगी। कलेक्टर अपने-अपने जिलों में धर्मगुरुओं, सामाजिक संगठनों आदि की बैठक लेकर इस संकट में उनका भी पूरा सहयोग लें। सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा जाए।

सचिव आयुष एम. के. अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश में इन दवाओं के अभी तक 22 लाख पैकेट्स का निःशुल्क वितरण कराया गया है।


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