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नगर निगम में फिर सामने आया स्ट्रीट लाइट घोटाला

स्ट्रीट लाइट घोटाले की जांच अभी पूरी भी नहीं हुई है और निगम ने उसी कंपनी से दोबारा 35 लाख रुपए का सामान खरीद लिया है

नगर निगम में फिर सामने आया स्ट्रीट लाइट घोटाला
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गाजियाबाद। स्ट्रीट लाइट घोटाले की जांच अभी पूरी भी नहीं हुई है और निगम ने उसी कंपनी से दोबारा 35 लाख रुपए का सामान खरीद लिया है। पता चला है कि सामान खरीदने का निर्देश अपर नगर आयुक्त डीके सिन्हा ने दिया था। मेयर ने जांच कमिटी के चेयरमैन राजेंद्र त्यागी को पत्र लिखकर रिपोर्ट मांगी है, लेकिन अभी तक उनके पास रिपोर्ट नहीं पहुंची है।

गौरतलब है कि निगम में स्ट्रीट लाइट घोटाले को लेकर निगम बोर्ड की बैठक में भारी हंगामा हुआ था। निगम पर आरोप है कि उसने एक फर्जी कंपनी से नॉन ब्रैंड की स्ट्रीट लाइट का एक करोड़ रुपए का सामान खरीदा था। इसके बाद मेयर अंशु वर्मा ने जांच के लिए एक कमिटी बनाई थी। जांच शुरू होने के बाद नगर निगम प्रशाासन ने बोर्ड द्वारा गठित इस जांच कमिटी को ही ठेंगा दिखाते हुए उसी कंपनी से दोबारा 35 लाख रुपए का सामान खरीद लिया।

सूत्रों का कहना है कि कंपनी को सामान की सप्लाई देने का ऑर्डर अपर नगर आयुक्त डी.के. सिन्हा की ओर से ही जारी किया गया था। वहीं, जांच कमिटी के चेयरमैन पार्षद राजेंद्र त्यागी ने माना की जांच में निगम के स्ट्रीट लाइट प्रभारी अपर नगर आयुक्त डी.के. सिन्हा से जवाब मांगा गया था।

कमिटी गठन के 5 महीने बाद भी सिन्हा ने अभी तक अपना जवाब नहीं दिया है। अब सिन्हा का तबादला गोरखपुर हो गया है। उधर मेयर अंशु वर्मा का कहना है कि वह कमिटी की जांच रिपोर्ट के आने का इंतजार है। इस मामले में दोषी अफसर अपर नगर आयुक्त के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को पत्र लिखा जाएगा।


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