बिहार में पराली से बनेगा पौष्टिक पशु चारा
बिहार में पुआल (पराली) से पौष्टिक पशुचारा बनाया जाएगा। इससे न केवल किसानों की आय बढ़ेगी बल्कि पशुओं को पौष्टिक चारा भी मिलेगा

पटना। बिहार में पुआल (पराली) से पौष्टिक पशुचारा बनाया जाएगा। इससे न केवल किसानों की आय बढ़ेगी बल्कि पशुओं को पौष्टिक चारा भी मिलेगा। इससे दुधारू पशुओं को पौष्टिक तत्व मिलेगा, जिससे उनके दूध देने की क्षमता बढ़ेगी। पटना में पराली प्रबंधन पर हुए सेमिनार में मिले सुझावों के आधार पर कृषि विभाग ने इसकी जिम्मेदारी बिहार कृषि विश्वविद्यालय को दी थी। विश्वविद्यालय ने इससे संबंधित रिपोर्ट कृषि विभाग को सौंप दी है।
कृषि विभाग के सूत्रों ने बताया कि रिपोर्ट में पराली प्रबंधन पर कई और सुझाव दिए गए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है पुआल से पौष्टिक चारा, थर्मोकोल की तरह प्लेट और कटोरी बनाने में उपयोग किए जा सकते हैं। इसके अलावे पैकेजिंग में भी इसके उपयोग किए जा सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि पर्यावरण संरक्षण के मद्देनजर खेतों में पुआल जलाने पर सरकार की तरफ से रोक लगाई गई है। किसानों को चेतावनी भी दी गई है कि ऐसे किसान जो पराली जलाएंगे उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाएगा। इसके बाद भी कई किसान खेतों में धान के पौधे के अवशेष जला रहे हैं।
बक्सर जिला प्रशासन ने इसकी रोकथाम के लिए एक अच्छा विकल्प दिया है। जो किसान अपने खेत से पुआल को हटाना चाहते हैं, वे इसे गोशाला में दे सकते हैं।
धान के उन अवशेषों का चारा बना उससे गोवंश का पेट भरा जाएगा। बक्सर के अनुमंडल पदाधिकारी कृष्ण कुमार उपाध्याय ने किसानों से अपील करते हुए उन्हें एक बेहतर सुझाव दिया है। जिससे न सिर्फ वह सरकारी आदेश का अनुपालन कर सकेंगे, दूसरी तरफ वह पर्यावरण संरक्षण के साथ साथ गौ माता की सेवा का पुण्य भी प्राप्त कर सकेंगे।


