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बंगाल व केरल में गरीबों के साथ धोखा है एनपीआर का काम रोकना : जावड़ेकर

पश्चिम बंगाल और केरल में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) का काम रोके जाने की खबरों पर भाजपा ने राज्य सरकारों पर हमला बोला है

बंगाल व केरल में गरीबों के साथ धोखा है एनपीआर का काम रोकना : जावड़ेकर
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नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल और केरल में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) का काम रोके जाने की खबरों पर भाजपा ने राज्य सरकारों पर हमला बोला है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने शुक्रवार को कहा कि यह गरीबों के साथ धोखा है।

यहां भाजपा मुख्यालय पर प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि दोनों राज्यों में एनपीआर को लेकर अधिसूचना जारी हो चुकी है। वहां पर अफसरों की ट्रेनिंग भी चल रही है। ऐसे में अगर दोनों राज्यों में एनपीआर पर काम रोका जाता है तो फिर यह गरीबों के साथ धोखा है।

जावड़ेकर ने कहा कि एनपीआर से गरीब की पहचान होती है। एनपीआर और आधार, दोनों सरकारी योजनाओं के सही लाभार्थियों के लिए हैं।

उन्होंने इस मामले में 'भ्रम फैलाने के लिए' कांग्रेस पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि जिससे भी भ्रष्टाचार खत्म होता है, हर उस चीज का कांग्रेस विरोध करती है। एनपीआर को लेकर वर्ष 2010 में जो हुआ, वही 2020 में होने जा रहा है।

हाल में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि केंद्र सरकार एनपीआर के जरिए एनआरसी लागू करना चाहती है। इस वजह से पश्चिम बंगाल में एनपीआर का काम नहीं होगा। पश्चिम बंगाल के बाद केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने भी राज्य में एनपीआर का काम रोकने का बयान दिया था।

जावड़ेकर ने कहा, "120 करोड़ भारतीयों को मोदी सरकार ने 'आधार' दिया है। नौ लाख करोड़ रुपये सीधे गरीबों के खाते में गए। दो लाख करोड़ रुपये की बचत हुई है। जब राजीव गांधी कहते थे कि सौ रुपये भेजता हूं तो 15 रुपये ही नीचे जनता तक पहुंचते हैं, तब केंद्र से लेकर राज्यों तक कांग्रेस की ही सरकारें थीं। आज मोदीजी सौ रुपये भेजते हैं तो गरीबों को सौ रुपये मिलते हैं। यह सब ईमानदारी और पारदर्शिता के कारण हुआ है।"


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