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सीनियर सिटीजन का कन्सेशन रोक रेलवे को हर साल हो रहा 2 हजार करोड़ का फायदा
एक आरटीआई के जवाब में रेलवे ने जानकारी दी कि सीनियर सिटीजन को किराय में छूट के कारण वर्ष 2018-19 में रेलवे को 1636 करोड़ व वर्ष 2019-20 में 1667 करोड़ का नुकसान हुआ। रेलवे ने यह भी जानकारी दी कि वर्ष 2018-19 में कुल 12.02 करोड़ सीनियर सिटीजन ने व वर्ष 2019-20 में कुल 12.06 करोड़ सीनियर सिटीजन ने रियायती टिकिट पर यात्रा की है।

गजेन्द्र इंगले
ग्वालियर: एक समय था जब भारतीय रेलवे बुजुर्ग यात्रियों को रेल किराए में कन्सेशन देता था। इस योजना के लाभ हर वर्ष करोड़ों बुजुर्ग यात्री उठाते थे। लेकिन रेलवे को इस कन्सेशन से हर साल बहुत बड़े रेवेन्यू का नुकसान होता था। हालांकि पिछले तीन साल से रेलवे ने बुजुर्गों के लिए किसी भी प्रकार की रियायत को खत्म कर दिया है। मुम्बई निवासी आरटीआई एक्टिविस्ट अजय बोसे ने यह खुलासा किया है कि रेलवे को हर वर्ष लगभग 2 हजार करोड़ रुपये का लाभ यह रियायत बन्द करने से हो रहा है।
उन्होंने आरटीआई के माध्यम से रेलवे से जानकारी मांगी थी कि जिसमे उन्होंने रियायत टिकिट पर यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या व सीनियर सिटीजन के कन्सेशन को खत्म करने पर रेलवे को कुल रेवेन्यू लाभ की जानकारी मांगी। इस आरटीआई के जवाब में रेलवे ने जानकारी दी कि सीनियर सिटीजन को किराय में छूट के कारण वर्ष 2018-19 में रेलवे को 1636 करोड़ व वर्ष 2019-20 में 1667 करोड़ का नुकसान हुआ। रेलवे ने यह भी जानकारी दी कि वर्ष 2018-19 में कुल 12.02 करोड़ सीनियर सिटीजन ने व वर्ष 2019-20 में कुल 12.06 करोड़ सीनियर सिटीजन ने रियायती टिकिट पर यात्रा की है।
आरटीआई एक्टिविस्ट अजय बोसे का मानना है कि अब यदि इन आंकड़ों को आज के स्थिति के आधार पर गणना करें तो रेलवे को हर साल लगभग 2 हजार करोड़ रुपये का लाभ हो रहा है या कहें कि यह कन्सेशन न देकर रेलवे हर साल 2 हजार करोड़ रुपये बचा रहा है। स्वभाविक है कि जब 2019-20 में लाभ लेने वाले कुल बुजुर्ग यात्री 12.06 करोड़ थे तो अब यह यात्री बढ़े होंगे। साथ ही कोरोना काल के बाद रेलवे के किराए में भी बेतहाशा वृद्धि हुई है। इस आधार पर यह गणना की जा सकती गए कि अब रेलवे हर साल लगभग 2 हजार करोड़ रुपये बचा रहा है। हालांकि रेलवे ने आरटीआई में वर्तमान में बुजुर्ग यात्रियों की संख्या व उनके कन्सेशन को खत्म करने से रेलवे को होने वाले लाभ की जानकारी स्पष्ट नहीं की। न ही रेलवे ने इस सवाल का जवाब दिया कि सीनियर सिटीजन को मिलने वाला यह कन्सेशन कब से शुरू होगा।
आपको बता दें मार्च 2020 से पहले रेलवे की तरफ से 58 वर्ष या इससे ज्यादा उम्र वाली महिलाओं को किराये में 50 प्रतिशत की और 60 वर्ष या इससे ज्यादा की उम्र वाले पुरुषों को 40 प्रतिशत की छूट मिलती थी। यह छूट सभी क्लास में रेल का सफर करने पर मिलती थी। लेकिन कोरोना काल के बाद ट्रेन का आवागमन बहाल होने पर यह सुविधा खत्म कर दी गई। और अभी तक यह रियायत पूरी तरह बन्द है। इस तरह पिछले 3 साल से सीनियर सिटीजन इस लाभ से वंचित हैं।
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