मुआवजा घोटाले से जुड़ी जमीन के बैनामों पर लगी रोक
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे की जमीन में के मुआवजे में हुए घोटाले के बाद मंडलायुक्त डा. प्रभात कुमार ने कड़ा रूख अपना लिया है

गाजियाबाद। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे की जमीन में के मुआवजे में हुए घोटाले के बाद मंडलायुक्त डा. प्रभात कुमार ने कड़ा रूख अपना लिया है। मंडलायुक्त ने मेरठ एक्सप्रेस-वे और ईस्टर्न एक्सप्रेस-वे से संबंधित खसरों की जमीन की रजिस्ट्री पर रोक लगा दी।
एआईजी स्टाम्प मेवा लाल पटेल ने इसकी पुष्टि की है। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे की जमीन के मुआवजे में गत दिनों घोटाले का मामला प्रकाश में आया था। मंडलायुक्त डा. प्रभात कुमार द्वारा कराई गई जांच में पाया गया कि एक पूर्व आईएएस अफसर रनवीर सिंह, उनके बेटे, पुत्र वधु, अमीन संतोष बेनिवाल की पत्नी, पूर्व एडीएम घनश्याम सिंह के बेट के नाम पर कौड़ियों के भाव जमीन ली गई। जमीन का मुआवजा बढ़वाकर करोड़ों की कमाई की। इस घोटाले में अमीन संतोष बेनीवाल, एडीएम घनश्याम सिंह के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई हो चुकी है। मुआवजे की रिकवरी के लिए भी नोटिस जारी हो चुके है।
इतना ही नहीं मेरठ एक्सप्रेस-वे की अधिसूचित क्षेत्र के खसरों की जमीन की खरीद फरोख्त अब नहीं होगी। मेरठ मंडलायुक्त डा. प्रभात कुमार ने मेरठ एक्सप्रेस-वे, ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे के लिए अधिसूचित जमीन के खसरों की खरीद फरोख्त पर रोक लगा दी। इस संबंध में मंडलायुक्त ने गाजियाबाद जिले के मोदीनगर, सदर तहसील के सब रजिस्ट्रार को इस संबंध में रोक लगाया है।
ईस्टर्न पेरिफरेल एक्सप्रेस-वे में जिन गांवों के संबंधित खसरों की बिक्री पर रोक लगाई इन गांवों में भिकनपुर, दुहाई, कनौजा, मटियाला, रसूलपुर, सिकरोड, डासना, शादतनगर इकला, इनायतपुर, आरिफपुर शामिल है। मेरठ एक्सप्रेस-वे के जिन गांवों के संबंधित खसरों की रजिस्ट्री पर रोक लगी है उनमें डासना, कुशलिया, नाहल, रसूपुपर, नूरपुर, डिवारी, पटना मुरादनगर शामिल है।


