स्वच्छ भारत अभियान को लग रहा पलीता, इलाके में गंदगी पसरी
बीते दो साल से दक्षिणी दिल्ली नगर निगम इलाके में कूड़ा उठाने के दौरान बरती जा रही लापरवाही के चलते जहां स्वच्छ भारत अभियान में सुस्ती आ गई है

नई दिल्ली। बीते दो साल से दक्षिणी दिल्ली नगर निगम इलाके में कूड़ा उठाने के दौरान बरती जा रही लापरवाही के चलते जहां स्वच्छ भारत अभियान में सुस्ती आ गई है।
वहीं, कूड़ा उठाने वाली एजेंसी के साथ निगम अधिकारियों की मिलीभगत से इलाके में गंदगी पसरी हुई है। दरअसलए कूड़ा उठाने के बाबत जारी टेंडर नियमों के तहत जनता को ऑटो टिप्पर के आने की जानकारी तमाम गलियों के बाहर साइन बोर्ड लगाकर दी जानी थी ताकि घरों से निकलने वाला कूड़ा.कचरा तय समय पर टिप्पर में डाला जा सकें और लोगों को टिप्पर के आने का इंतजार न करना पड़े।
मगर एजेंसी इसमें नाकाम रही है। उक्त जानकारी मंगलवार को आयोजित आमसभा की बैठक में नेता सदन कमलजीत सहरावत द्वारा लाए गए शॉर्ट नोटिस पर चर्चा के दौरान सामने आई। बैठक में राजौरी गार्डन से पार्षद बलराम कुमार ओबराय ने इलाके में साफ सफाई और कूड़ा उठाने वाली एजेंसी पर कई सवाल उठाए। उनका कहना था कि कूड़ा उठाने वाली एजेंसी नियमों के मुताबिक काम नहीं कर रही है।
निगम द्वारा जारी टेंडर नियमों के तहत कूड़ा उठाने वाली एजेंसी को प्रत्येक वार्ड और गली में बोर्ड लगाकर कूड़ा उठाने वाली गाड़ी का टाईम टेबल जनता को उपलब्ध कराना था। साथ ही 365 दिन कूड़ा उठाने ए कॉम्पेक्टरों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने और सप्ताह में एक बार डलावघर को कैमिकल से साफ करना थाए लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है।
जिसका खामियाजा जनता को उठाना पड़ रहा है। यहीं नहीं अगर अगर किसी डलाव में 8 मीट्रिक टन से ज्यादा कूड़ा आता है तो उस डलाव घर पर 24 घंटे मैनपॉवर की व्यवस्था करना भी एजेंसी की जिम्मेदारी है। इलाके की साफ सफाई में लचर व्यवस्था के लिए एजेंसी के साथ निगम के डेम्स विभाग के जेईए एक्सईइन और डीसी भी जिम्मेदार हैं।
वहीं, कांग्रेस पार्षद अभिषेक दत्त ने भी साफ सफाई को लेकर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि निगम के वार्डों में चलने वाले ऑटो टिप्पर और सफाईकर्मियों की संख्या का कोई विवरण नहीं है। कहीं पर जरुरत से ज्यादा है तो कहीं पर जरूरत से कम। आमसभा में चर्चा दौरान सत्तापक्ष के साथ ही विपक्षी दल के सदस्यों ने भी इलाके में साफ सफाई की स्थिति को लेकर आपत्ति जताई।


