Top
Begin typing your search above and press return to search.

आईएनएक्स मीडिया मामले में चिदंबरम की गिरफ्तारी पर रोक

दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को आईएनएक्स मीडिया धनशोधन मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को बड़ी राहत देते हुए एक अगस्त तक उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी

आईएनएक्स मीडिया मामले में चिदंबरम की गिरफ्तारी पर रोक
X

नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को आईएनएक्स मीडिया धनशोधन मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को बड़ी राहत देते हुए एक अगस्त तक उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी। न्यायमूर्ति ए.के. पाठक ने प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) को इस मामले की अगली सुनवाई एक अगस्त तक चिदंबरम के खिलाफ कोई भी कठोर कार्रवाई नहीं करने के निर्देश दिए हैं।

पीठ ने चिदंरबम को बिना इजाजत देश छोड़कर नहीं जाने के निर्देश दिए। अदालत ने पूर्व मंत्री को जांच के साथ सहयोग करने और जरूरत पड़ने पर एजेंसी के समक्ष पेश होने के भी निर्देश दिए।

अदालत इस मामले में चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

सीबीआई और ईडी इस बात की जांच कर रहे हैं कि कैसे चिंदबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम ने विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) से मंजूरी दिलाने का प्रबंध किया था।

कार्ति को 28 फरवरी को कथित रूप से आईएनएक्स मीडिया को 2007 (उस समय पी. चिदंबरम देश के वित्त मंत्री थे) में एफआईपीबी से मंजूरी दिलाने के लिए रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। बाद में कार्ति को जमानत दे दी गई थी।

इस मामले में ईडी ने कार्ति के चार्टर अकाउंटेंड एस भास्कररमन को भी गिरफ्तार किया था और बाद में जमानत दे दी थी।

चिदंबरम की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील दयान कृष्णन ने अदालत को बताया कि पूर्व मंत्री को सीबीआई की ओर से जारी समन के बाद गिरफ्तारी की आशंका है, हालांकि प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) ने पूर्व मंत्री को कोई भी नोटिस जारी नहीं किया है।

चिदंबरम के वकील ने अदालत से कहा कि चिदंबरम की गिरफ्तारी की आशंका है, क्योंकि सीबीआई ने स्पष्ट किया है कि उनको हिरासत में लेकर पूछताछ की जरूरत है।

एयरसेल-मैक्सिस करार के एक अन्य मामले में ईडी द्वारा चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका के विरोध का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, "ऐसा असंभव नहीं है कि ईडी उन्हें समन जारी करे या फिर बिना समन जारी किए ही अवैध रूप से गिरफ्तार कर ले।"

ईडी के वकील और अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने याचिका का विरोध किया और कहा कि चिदंबरम की याचिका अनुरक्षणीय नहीं है, क्योंकि उन्हें जमानत के लिए उच्च न्यायालय के स्थान पर निचली अदालत का रुख करना चाहिए था।

ईडी ने आरोप लगाया कि चिदंबरम के बेटे कार्ति ने आईएनएक्स मीडिया मामले में एफआईपीबी से मंजूरी दिलाने में भूमिका निभाई थी और इसी तरह के कार्य प्रणाली का प्रयोग एयरसेल मैक्सिस करार मामले में किया गया।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it