सभी दलों के शासन में अयोध्या में आते रहें हैं पत्थर
अयोध्या में हाल ही में आये तीन ट्रक पत्थरों को लेकर मचे हंगामें से इतर राम मंदिर निर्माण के लिए विश्व हिन्दू परिषद की कार्यशाला में तराशने के लिए हर राजनीतिक दलों के शासनकाल में पत्थर आते रहे हैं

अयोध्या। अयोध्या में हाल ही में आये तीन ट्रक पत्थरों को लेकर मचे हंगामें से इतर राम मंदिर निर्माण के लिए विश्व हिन्दू परिषद(विहिप) की कार्यशाला में तराशने के लिए हर राजनीतिक दलों के शासनकाल में पत्थर आते रहे हैं।
विहिप के बैनर तले काम करने वाले श्री रामजन्म भूमि न्यास ने पत्थरों को तराशने वाली कार्यशाला सितम्बर 1990 में स्थापित की थी।
इसके लिए दिगम्बर अखाडे के महन्थ और न्यास के तत्कालीन अध्यक्ष दिवंगत रामचन्द्र परमहंस ने अखाडे की ही जमीन पर कार्यशाला शुरु करवाई थी। कार्यशाला शुरु होने के समय केन्द्र में विश्वनाथ प्रताप सिंह और राज्य में मुलायम सिंह यादव की सरकार थी।
विश्वनाथ प्रताप सिंह की सरकार वामपंथियों की मदद से चल रही थी। उनकी सरकार में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के तत्कालीन महासचिव इन्द्रजीत गुप्त गृहमंत्री थे।
दोनों ही सरकारें राम मंदिर निर्माण के समर्थक भारतीय जनता पार्टी और विश्व हिन्दू परिषद के क्रियाकलापों से पूरी तरह खिन्न थीं।
इसके बावजूद कार्यशाला को स्थापित करने और न ही उसमें पत्थरों को लाने पर रोक लगायी गई।


