Top
Begin typing your search above and press return to search.

अगले सप्ताह शेयर बाजार की चाल आर्थिक आंकड़े तय करेंगे

 अगले सप्ताह शेयर बाजार की चाल घरेलू और वैश्विक व्यापक आर्थिक आंकड़े, मानसून की चाल, वैश्विक बाजारों के रुख, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) और घरेलू संस्थापक निवेशकों (डीआईआई) द्वारा किए गए

अगले सप्ताह शेयर बाजार की चाल आर्थिक आंकड़े तय करेंगे
X

मुंबई। अगले सप्ताह शेयर बाजार की चाल घरेलू और वैश्विक व्यापक आर्थिक आंकड़े, मानसून की चाल, वैश्विक बाजारों के रुख, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) और घरेलू संस्थापक निवेशकों (डीआईआई) द्वारा किए गए निवेश, डॉलर के खिलाफ रुपये की चाल और कच्चे तेल की कीमतों का प्रदर्शन मिलकर तय करेंगे। वाहन कंपनियों की बिक्री के आंकड़ों पर भी निवेशकों की नजर रहेगी, अगस्त की बिक्री के आंकड़े 1 सितंबर से आने शुरू हो गए हैं।

घरेलू मोर्चे पर, सरकार ने जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) की दूसरी तिमाही के आंकड़े शुक्रवार को जारी किए, जिसका असर सोमवार को बाजार खुलने पर देखने को मिलेगा। वित्त वर्ष 2018-19 की पहली तिमाही में देश की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर साल-दर-साल आधार पर 7.7 फीसदी रही, जोकि पिछली तिमाही के 7 फीसदी से अधिक रही। बीते वित्त वर्ष 2017-18 की पहली तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 5.6 फीसदी दर्ज की गई।

सांख्यिकी व कार्यान्वयन मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि समीक्षाधीन तिमाही में कृषि, वन, मछली पालन जैसे प्राथमिक क्षेत्र की वृद्धि दर (सकल मूल्य वर्धित) 5.3 फीसदी रही, जबकि बीते वित्त वर्ष की पहली तिमाही में तीन फीसदी थी।

वहीं विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर समीक्षाधीन तिमाही में 13.5 फीसदी दर्ज की गई जबकि पिछले साल की पहली तिमाही में यह ऋणात्मक अंकों में (-)1.8 फीसदी थी।

देश के अवसरंचना उत्पादन में साल-दर-साल आधार पर जुलाई में 6.7 फीसदी की तेजी दर्ज की गई, जोकि मई में 4.3 फीसदी थी।

निक्केई मैनुफैक्चरिंग पीएमआई (पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स) के अगस्त के आंकड़ों की घोषणा सोमवार (3 सितंबर) को की जाएगी। जुलाई में निक्के ई इंडिया मैनुफैक्चरिंग पीएमआई गिरकर 52.3 पर थी, जबकि जून में यह 53.1 पर थी।

इस सूचकांक में 50 से कम अंक मंदी का जबकि 50 से अधिक अंक तेजी का संकेत है।

निक्केई सर्विसेज पीएमआई का अगस्त का आंकड़ा बुधवार (5 सितंबर) को जारी किया जाएगा। निक्केई सर्विसेज पीएमआई जुलाई में बढ़कर 54.2 पर थी, जबकि जून में यह 52.6 पर रही थी।

निवेशकों की नजर मॉनसून पर भी बनी हुई है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने अपनी 30 अगस्त को जारी विशेष रिपोर्ट में कहा कि दक्षिण-पश्चिम मानसून के दौरान 1 जून से 30 अगस्त तक कुल बारिश दीर्घकालिक औसत (एलपीए) से 6 फीसदी कम रही है। जून से सिंतबर तक दक्षिण पश्चिम मानसून का मौसम देश के कृषि के लिए बेहद महत्वपूर्ण है कि क्योंकि अभी भी देश की खेती का बड़ा हिस्सा सिंचाई के लिए वर्षा के पानी पर ही निर्भर है।

वैश्विक मोर्चे पर कैक्सिन चाइनाजनरल मैनुफैक्चरिंग पीएमआई का अगस्त का आंकड़ा सोमवार (3 सितंबर) का जारी किया जाएगा। जुलाई में कैक्सिन चाइना जनरल मैन्युफैक्चरिंग (विनिर्माण) पीएमआई गिरकर 50.8 पर था, जो जून में 51 पर था।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it