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स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई से संचालकों में हड़कंप

जिले में अवैधानिक रूप से अथवा आवश्यक अर्हता न रखते हुए भी क्लीनिक एवं पैथोलॉजी लैब का संचालन कर रहे लोगों पर ताबड़ तोड़ कार्यवाही से हड़कंप मच गया है।

स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई से संचालकों में हड़कंप
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कोरबा। जिले में अवैधानिक रूप से अथवा आवश्यक अर्हता न रखते हुए भी क्लीनिक एवं पैथोलॉजी लैब का संचालन कर रहे लोगों पर ताबड़ तोड़ कार्यवाही से हड़कंप मच गया है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर की जा रही कार्यवाही के लिए सीएमएचओ की सीधी देखरेख में 16 सदस्यीय दल जिले भर में जांच पड़ताल कर रहा है। 24 घंटे के भीतर 72 अवैध क्लीनिक और 18 पैथोलॉजी लैब सील कर दिये गये। यह कार्यवाही लगातार जारी रहेगी।

चिकित्सा सेवा के क्षेत्र में एलोपैथी, आयुर्वेदिक और डेंटल की डिग्री प्राप्त कर चिकित्सा व्यवसाय का संचालन तो किया जा रहा है लेकिन इससे पृथक अवैधानिक मानी जाने वाली डिग्रियों का हवाला देकर अकेले कोरबा जिले में ही 490 से अधिक क्लीनिक का संचालन और लगभग 50 पैथोलॉजी लैब चलाये जा रहे हैं। इन संचालकों को न तो चिकित्सा करने की मान्यता है और न ही दवाई देने की और न ही लैब में खून आदि का जांच करने की पात्रता रखते हैं।

ऐसे तथाकथित चिकित्सकों व गली कूचों, गांवों, कस्बों में क्लीनिक और पैथोलैब का संचालन कर रहे लोगों के कारण उत्पन्न होने वाली असामान्य परिस्थितियों के मद्देनजर कार्यवाही की जा रही है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश अनुसार वैध डिग्री नहीं रखने वाले क्लीनिक संचालकों के विरूद्ध कार्यवाही की जानी है। इस क्रम में जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. पीएस सिसोदिया ने 16 सदस्यीय दल का गठन कर जिले भर में जांच व कार्यवाही प्रारंभ कराई है।

खंड चिकित्सा अधिकारी, सेक्टर आफिसर व एक अन्य के द्वारा अपने-अपने क्षेत्र में अवैध संचालित हो रहे क्लीनिक और पैथोलैब में दबिश दी गई। कोरबा, कटघोरा, करतला, पाली, पोड़ी उपेराड़ा विकासखंड में दबिश देकर समाचार लिखे जाने तक 72 क्लीनिक और 18 पैथोलॉजी लैब की जांच कर इन्हें सील किया गया है। जांच कार्यवाही में क्षेत्र के तहसीलदार, थाना व चौकी प्रभारी भी सहयोग कर रहे हैं। इस ताबड़ तोड़ कार्यवाही से निजी प्रेक्टिसनरों और झोलाछाप डाक्टरों में हड़कंप मच गई है।

सीएमएचओ डा. पीएस सिसोदिया ने बताया कि जिलेभर में पहले दिन सील किये गये 72 क्लीनिक और 18 पैथोलॉजी लैब के संचालकों को नोटिस देकर उनके पास मौजूद संचालन संबंधी वैध दस्तावेज निर्धारित समय सीमा में प्रस्तुत करने कहा गया है। इसके लिए गठित एंटीक्वेक समिति में संबंधित व्यक्ति अपील कर सकता है।

जांच में डिग्री व दस्तावेज संचालन हेतु सही पाये जाने पर सील खोल दिया जाएगा अन्यथा पूर्ण कार्यवाही होने तक सील लगा रहेगा। उन्होंने बताया कि जगह-जगह खोले गये पैथोलैब के कलेक्शन सेंटर अवैध हैं। डा. सिसोदिया ने ऐसे झोलाछाप व अवैध क्लीनिक संचालकों को हिदायत दी है कि वे अपना गोरखधंधा बंद कर दें अन्यथा नोटिस के बाद सीधे एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।


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