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एसटीएफ ने किया रायबरेली से 25 हजार के इनामी समेत 3 को गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश पुलिस स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने 25 हजार रुपये के इनामी कुख्यात अपराधी अनिल कुमार दुबे और उसके 02 अन्य साथियो को रायबरेली के गदागंज क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया

एसटीएफ ने किया रायबरेली से 25 हजार के इनामी समेत 3 को गिरफ्तार
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने 25 हजार रुपये के इनामी कुख्यात अपराधी अनिल कुमार दुबे और उसके 02 अन्य साथियो को रायबरेली के गदागंज क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया।

एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक सिंह ने गुरुवार को यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि रायबरेली से 25,000 रुपये के इनामी अपराधी अनिल कुमार दुबे को उसके दो साथियों प्रतापगढ़ निवासी आषुतोष तिवारी और रायबरेली निवासी सुभाष कश्यप को बुधवार देर रात गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार बदमाशों के पास से एक तमंचा ,कुछ कारतूस और पांच मोबाइल फोन बरामद किए ।

उन्होंने बताया कि रात करीब साढ़े दस बजे आरक्षी काेशलेन्द्र प्रताप सिंह काे मुखबिर के माध्यम से ज्ञात हुआ कि कुख्यात अपराधी अनिल कुमार दुबे रायबरेली कोतवाली में दर्ज मामले में वांछित है । वह किसी काम से रायबरेली आया है। इस सूचना पर एसटीएफ ने बताये गये स्थान की घेराबंदी कर दी । कुछ देर बाद मोसाइकिल पर तीन व्यक्ति डलमऊ की तरफ से आकर पुलिया पर रूके। मुखबिर ने बताया कि तीनों लोगों में एक 25 हजार रूपये का इनामी अपराधी अनिल कुमार दुबे है। एसटीएफ की टीम ने आवश्यक बल प्रयाेग कर अनिल कुमार दुबे को उसके दोनों साथियों के साथ दबोच लिया।

पूछताछ पर अनिल दुबे ने बताया कि उसने अपना एक गिराेह बना रखा है । वर्ष 2012 में अपराध की दुनिया में उसने कदम रखा था । उसके बाद उसने अपने प्रतिद्वन्दी विकास सिंह निवासी लालूपुर रायबरेली की पीट-पीट कर हत्या कर दी थी। उसके बाद उसपर कई अन्य अभियोग पंजीकृत हुए। अपराध के इसी क्रम में वर्ष 2015 में लखनऊ केकृष्णानगर के बहुचर्चित राज बहादुर हत्याकाण्ड में सुपारी किलिंग में उसके विरूद्ध 302 का अभियोग पंजीकृत हुआ, जिसमें वह जेल गया।

इस बदमाश ने अपने वर्चस्व काे बनाये रखने के लिए आये दिन अपने साथियों के साथ भय व्याप्त करने के उद्देश्य से मारपीट, रंगदारी वसूलने और सरकारी ठेकाें/टेन्डराें आदि से अपना कमीशन वसूलने का काम करता था ।पीडब्लूडी और अन्य ठेकेदाराें काे जान माल तथा हत्या कि धमकी देकर वसूली का काम करता था। उसकी दहशत के कारण कोई ठेकेदार टेन्डर डालने नहीं जाता था । इसने अपने साथियों के साथ रायबरेली निवासी मंजीत पर भी हमला किया था। इस बाद की गिरफ्तारी पर 25 हजार का इनाम था।


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