पुलिस कर्मचारियों की बर्खास्तगी नोटिस पर स्टे
पुलिस विभाग में कार्यरत पुलिस कर्मचारियों की मूलभूत समस्याओं जैसे-आवास, वेतन, अवकाश को लेकर पुलिस कर्मचारियों के परिवार के सदस्यों द्वारा दिनांक 25 जून को राजधानी रायपुर में एक दिवसीय शांतिपूर्वक

बिलासपुर। पुलिस विभाग में कार्यरत पुलिस कर्मचारियों की मूलभूत समस्याओं जैसे-आवास, वेतन, अवकाश को लेकर पुलिस कर्मचारियों के परिवार के सदस्यों द्वारा दिनांक 25 जून को राजधानी रायपुर में एक दिवसीय शांतिपूर्वक एवं सांकेतिक धरना प्रदर्शन की घोषणा की गई।
परिवार के सदस्यों द्वारा की गई घोषणा से नाराज होकर पुलिस मुख्यालय के डीजीपी के निर्देश पर समस्त जिलों के एसपी द्वारा आरक्षक बालेश्वर तिवारी, सब इंस्पेक्टर दयालूराम साहू, एएसआई बलबीर सिंह, सब इंस्पेक्टर संदीप बंजारे, प्रधान आरक्षक त्रिलोकी बघेल, आरक्षक शोभा तिर्की एवं अन्य पुलिस कर्मचारियों को सेवा से बर्खास्त करने संबंधी नोटिस जारी की गई।
उक्त कारण बताओ नोटिस को समस्त पुलिस कर्मियों द्वारा हाईकोर्ट अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय के माध्यम से हाईकोर्ट के समक्ष रिट याचिका दायर कर चुनौती दी गई। अधिवक्ता द्वारा हाईकोर्ट के समक्ष यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि उक्त कारण बताओ नोटिस नियम विरूद्ध है, क्योंकि आईपीएस अधिकारियों द्वारा पूर्व से ही सेवा से बर्खास्त किये जाने की धारणा बना ली गई।
इसके साथ ही समस्त पुलिस कर्मचारियोंं को बिना विभागीय जांच के बर्खास्त करने की आवश्यकता क्यों बड़ी इसका भी उल्लेख नहीं किया गया। चूंकि प्रस्तावित धरना 25 जून को राजधानी रायपुर में आयोजित किया जाना था, परंतु धरना के पूर्व ही पूर्व संभावनाओं अर्थात भविष्य में होने वाली घटना को आधार मानकर कारण बताओ नोटिस जारी किया जाना नियम विरूद्ध है। उच्च न्यायालय द्वारा उक्त मामले की सुनवाई के पश्चात पुलिस अधिकारियों द्वारा पुलिस कर्मियों को सेवा से बर्खास्त किये जाने संबंधी कारण बताओ नोटिस को नियम विरूद्ध पाते हुए समस्त कारण बताओ नोटिस पर स्थगन कर दिया गया।


