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सतीश उपाध्याय को स्वीकार करेगी मालवीय नगर की जनता? जानें भाजपा नेता का सियासी सफर

दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा के कद्दावर नेता सतीश उपाध्याय मालवीय नगर से चुनावी मैदान में हैं। उनका राजनीतिक सफर अत्यंत संघर्षपूर्ण और प्रेरणादायक रहा है

सतीश उपाध्याय को स्वीकार करेगी मालवीय नगर की जनता? जानें भाजपा नेता का सियासी सफर
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नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा के कद्दावर नेता सतीश उपाध्याय मालवीय नगर से चुनावी मैदान में हैं। उनका राजनीतिक सफर अत्यंत संघर्षपूर्ण और प्रेरणादायक रहा है। दिल्ली भाजपा के विभिन्न पदों पर रहते हुए उन्होंने पार्टी की मजबूती के लिए अनगिनत योगदान दिए हैं। उनके नेतृत्व में पार्टी ने दिल्ली और मध्य प्रदेश में कई महत्वपूर्ण राजनीतिक लक्ष्य हासिल किए हैं।

सतीश उपाध्याय का जन्म दिल्ली में हुआ था। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में बीए की डिग्री प्राप्त की। कॉलेज के दिनों में ही उनकी राजनीति में गहरी रुचि जागी और वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से जुड़ गए। छात्र राजनीति में सक्रिय रहते हुए सतीश उपाध्याय 1982 में दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के सबसे कम उम्र के उपाध्यक्ष बने थे। इसके बाद वह 1984 से 1986 तक दिल्ली राज्य एबीवीपी के सचिव रहे।

एबीवीपी के साथ-साथ सतीश उपाध्याय का जुड़ाव भाजपा से भी हो गया। साल 1988 में उन्हें दिल्ली राज्य भाजयुमो का महासचिव बनाया गया और वह 1990 तक इस पद पर रहे। भाजयुमो में उनके योगदान के बाद उन्हें 2002 में दिल्ली राज्य भाजयुमो का अध्यक्ष नियुक्त किया गया और वह 2004 तक इस पद पर रहे। उनके नेतृत्व में पार्टी ने कई चुनावी सफलताएं प्राप्त कीं। इसके अलावा, सतीश उपाध्याय 1998-2000 के दौरान भाजपा मुख्यालय में मीडिया टीम के सदस्य भी रहे।

सतीश उपाध्याय का राजनीतिक कद समय के साथ बढ़ता गया। वह दिल्ली प्रदेश भाजपा के प्रदेश सचिव और उपाध्यक्ष रहे और 2014 में उन्होंने दिल्ली भाजपा अध्यक्ष के रूप में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभाली। साल 2018-19 के मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों के दौरान भी उन्होंने सह प्रभारी के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

भाजपा संगठन में अपनी लंबी सेवा के बाद सतीश उपाध्याय ने 2012 में चुनावी राजनीति में कदम रखा और मालवीय नगर से वार्ड नंबर 161 के लिए दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) का चुनाव लड़ा। उन्होंने पार्टी के लिए चुनावी राजनीति में एक नया मुकाम हासिल किया। उनके कार्यकाल में क्षेत्र में विकास कार्यों की गति तेज हुई और उनकी लोकप्रियता बढ़ी।

उपाध्याय बचपन से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सदस्य रहे हैं और उन्होंने समाज सेवा के क्षेत्र में भी सक्रिय रूप से काम किया है। खासतौर पर वंचित बच्चों के स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान को सराहा गया है। उन्होंने विभिन्न धार्मिक और सामाजिक संगठनों से जुड़कर लोगों के कल्याण के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए।

सतीश उपाध्याय के व्यक्तिगत जीवन की बात करें तो उन्होंने आरती उपाध्याय से शादी की। दोनों के तीन बच्चे हैं।

आगामी विधानसभा चुनाव में सतीश उपाध्याय को मालवीय नगर से बीजेपी का प्रत्याशी बनाया गया है। सतीश उपाध्याय के लिए यह चुनाव चुनौतीपूर्ण होने के साथ-साथ उनके लिए एक महत्वपूर्ण अवसर भी है। उनके द्वारा किए गए संगठनात्मक कार्यों को देखते हुए पार्टी ने उन पर भरोसा जताया है।


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