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दिल्ली में शिक्षा का निजीकरण नहीं होने देंगे : आशीष सूद

दिल्ली सरकार में शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दिल्ली में शिक्षा के क्षेत्र में प्राइवेटाइजेशन और स्कूलों की फीस वृद्धि से संबंधित कई महत्वपूर्ण बयान दिए

दिल्ली में शिक्षा का निजीकरण नहीं होने देंगे : आशीष सूद
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नई दिल्ली। दिल्ली सरकार में शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दिल्ली में शिक्षा के क्षेत्र में प्राइवेटाइजेशन और स्कूलों की फीस वृद्धि से संबंधित कई महत्वपूर्ण बयान दिए। इस दौरान उन्होंने कहा कि अभिभावकों का हित हमारे लिए सबसे ऊपर है।

शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा, "दिल्ली में शिक्षा के क्षेत्र में किसी भी प्रकार का प्राइवेटाइजेशन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। दिल्ली के अभिभावकों का हित हमारे लिए सर्वोपरि है। हम सकारात्मक सोच के साथ समस्याओं का समाधान कर रहे हैं। स्कूल विद्या के मंदिर होते हैं, लेकिन पिछली सरकार के नेताओं ने इस मंदिर में भ्रष्टाचार किया है। अब आप नेताओं को अरविंद केजरीवाल का बोझ उठाना पड़ रहा है। पहले सीबीआई को 'बी टीम' बताया जाता था और अब वही सीबीआई जांच की बात हो रही है।"

मनीष सिसोदिया को चुनौती देते हुए उन्होंने कहा, "अगर उनके पास कोई ठोस सबूत है, तो उन्हें थाने में जाकर रिपोर्ट दर्ज करानी चाहिए और दोषियों को दंडित कराना चाहिए।"

आशीष सूद ने कहा, "दिल्ली में कुल 1677 प्राइवेट स्कूल हैं, जिनमें से 355 स्कूल सरकारी भूमि पर स्थित हैं। आरोप लगाया जा रहा है कि दिल्ली में स्कूलों की फीस बढ़ाई जा रही है। हम जांच कराएंगे कि आखिर कौन-कौन रिश्वत लेता था। एक प्राइवेट स्कूल को 15 करोड़ रुपए का घपला करते हुए पकड़ा गया, लेकिन पिछली सरकार ने उसे 15 प्रत‍िशत फीस बढ़ाने की अनुमति दे दी थी। दिल्ली में शिक्षा का अधिकार और गुणवत्ता सुनिश्चित करना हमारी सरकार की प्राथमिकता है। किसी भी स्कूल को फीस बढ़ाने की अनुमति देने से पहले हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि यह निर्णय केवल जनता के हित में हो और इसमें भ्रष्टाचार न हो।"

आशीष सूद ने आगे कहा कि 2004 में सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश दिया था कि दिल्ली के किसी भी स्कूल को बिना शिक्षा निदेशालय की मंजूरी के फीस बढ़ाने का अधिकार नहीं है। हमने इस आदेश का पालन किया, लेकिन 2024 में उच्च न्यायालय ने इसे पलटते हुए यह निर्णय दिया कि अब स्कूलों को फीस बढ़ाने के लिए अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं है।


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