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जब चंडीगढ़ पुलिस उनकी है, तो शिकायत देने का क्या मतलब : राजा वडिंग

केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू के साथ हुई धक्का-मुक्की पर पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष राजा वडिंग ने तंज कसते हुए कहा कि चंडीगढ़ पुलिस केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन आती है

जब चंडीगढ़ पुलिस उनकी है, तो शिकायत देने का क्या मतलब : राजा वडिंग
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चंडीगढ़। केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू के साथ हुई धक्का-मुक्की पर पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष राजा वडिंग ने तंज कसते हुए कहा कि चंडीगढ़ पुलिस केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन आती है, फिर शिकायत करने का क्या मतलब बनता है। फौरन कार्रवाई करनी चाहिए।

राजा वडिंग ने कहा, "अब एक केंद्रीय मंत्री एक केंद्र शासित प्रदेश की पुलिस के खिलाफ शिकायत करेगा, यह बात समझ में नहीं आ रही है। अब बाकी बातें तो भगवान ही जाने। अब मैं इस पर क्या ही कहूं।"

इससे पहले 19 फरवरी को रवनीत सिंह बिट्टू ने चंडीगढ़ पुलिस के अधिकारियों द्वारा की गई धक्का-मुक्की को लेकर डीजीपी से शिकायत की थी। उन्होंने पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।

रवनीत सिंह बिट्टू ने चंडीगढ़ के पुलिस महानिदेशक को लिखे पत्र में पुलिस अधिकारियों पर दुर्व्यवहार और गाली-गलौज करने का आरोप लगाया था।

उन्होंने लिखा था, "मैं 19 फरवरी 2025 को चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री के आवास पर जाने के दौरान हुई एक घटना के बारे में अपनी गहरी चिंता और व्यथा व्यक्त करने के लिए आपको यह पत्र लिख रहा हूं। मैं मुख्यमंत्री से मिलने उनके आवास पर अकेला गया था, लेकिन उनके आवास के बाहर मौजूद चंडीगढ़ पुलिस अधिकारियों के व्यवहार से हैरान और निराश था। एक केंद्रीय मंत्री के रूप में मेरी पहचान जानने के बावजूद उन्होंने मेरे साथ दुर्व्यवहार किया।"

वहीं, राजा वडिंग ने पत्रकारों से बातचीत में कांग्रेस अध्यक्ष बदले जाने की अटकलों पर कहा, "अध्यक्ष पद किसी के बाप की जागीर नहीं होती है। यह फैसला केवल राहुल गांधी और सोनिया गांधी ही ले सकती हैं।"

पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे के बयान पर उन्होंने कहा, "जब मैं अध्यक्ष बना था, तब पार्टी के आठ मंत्री छोड़कर चले गए थे और परिस्थितियां काफी खराब थीं। इसके बाद हमने संगठन को फिर से खड़ा किया और सात लोकसभा सीटें जीतीं।"

वडिंग ने निगम चुनाव पर भी बात की। उन्होंने कहा कि आमतौर पर सत्तारूढ़ पार्टी ही जीतती है, लेकिन इस बार हमने जीतकर दिखाया है। ऐसे में बदलाव का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है। मैं कांग्रेस का एक अनुशासित सिपाही हूं।


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