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हम टीबी मुक्त भारत की दिशा में काम करते रहेंगे : पीएम मोदी

टीबी के मामलों में आई गिरावट पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि टीबी मुक्त भारत की दिशा में काम जारी रहेगा

हम टीबी मुक्त भारत की दिशा में काम करते रहेंगे : पीएम मोदी
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नई दिल्ली। टीबी के मामलों में आई गिरावट पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि टीबी मुक्त भारत की दिशा में काम जारी रहेगा।

पीएम मोदी ने अपने एक्स अकाउंट पर एक पोस्ट में लिखा, "सराहनीय प्रगति! टीबी के मामलों में गिरावट भारत के समर्पित और अभिनव प्रयासों का परिणाम है। एक सामूहिक भावना से हम टीबी मुक्त भारत की दिशा में काम करते रहेंगे।"

इससे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा ने एक्स पर एक पोस्ट किया था। उन्होंने एक रिपोर्ट शेयर करते हुए लिखा, "हम टीबी मुक्त भारत बनाने की अपनी प्रतिबद्धता पर अडिग हैं। विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने 2015 से 2023 तक तपेदिक (टीबी) की घटनाओं में 17.7 प्रतिशत की गिरावट के साथ भारत की उल्लेखनीय प्रगति को स्वीकार किया है। यह स्वीकृति टीबी देखभाल और नियंत्रण के प्रति भारत के परिवर्तनकारी दृष्टिकोण को दर्शाती है।"

उन्होंने पीएम मोदी की तारीफ करते हुए लिखा, "प्रधानमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व में हमारी सरकार ने टीबी रोगियों को आवश्यक पोषण सहायता प्रदान करने के लिए 'निक्षय पोषण योजना' जैसी प्रमुख पहल करके राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम का विस्तार और मजबूती प्रदान की है। साथ ही मल्टी-ड्रग रेसिस्टेंट ट्यूबरकुलोसिस के लिए एक नया उपचार बीपीएएलएम रेजिमेन की शुरुआत की है। मैं स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के प्रयासों की भी सराहना करता हूं, जिनकी अटूट प्रतिबद्धता और कड़ी मेहनत टीबी के खिलाफ इस लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।"

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, भारत टीबी के सर्वाधिक मरीजों वाले शीर्ष 30 देशों में शामिल है। इन देशों में उपचार के कवरेज के मामले में भारत का स्थान काफी ऊपर है।

डब्ल्यूएचओ की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत ने टीबी रोगियों और एचआईवी पीड़ित लोगों के घरेलू संपर्कों के लिए रोकथाम उपचार प्राप्त करने वाले लोगों की संख्या में महत्वपूर्ण वृद्धि हासिल की है।

रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में भारत में 12.2 लाख लोगों को निवारक चिकित्सा दी गई है, जो 2022 में 10.2 लाख और 2021 में 4.2 लाख थी। भारत का लक्ष्य साल 2025 तक टीबी को खत्म करना है।


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