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विक्की पहाड़े को वायु सेना पदक, विंग कमांडर अंकित भी सम्मानित

जीवन खतरे में होने के दौरान भी असाधारण साहस का प्रदर्शन करने के लिए भारतीय वायुसेना के कॉर्पोरल विक्की पहाड़े (संचार तकनीशियन) को मरणोपरांत वायु सेना पदक (वीरता) से सम्मानित किया गया है

विक्की पहाड़े को वायु सेना पदक, विंग कमांडर अंकित भी सम्मानित
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नई दिल्ली। जीवन खतरे में होने के दौरान भी असाधारण साहस का प्रदर्शन करने के लिए भारतीय वायुसेना के कॉर्पोरल विक्की पहाड़े (संचार तकनीशियन) को मरणोपरांत वायु सेना पदक (वीरता) से सम्मानित किया गया है।

जम्मू-कश्मीर में बीते वर्ष आतंकवादियों द्वारा उनके वाहन पर घात लगाकर हमला किया गया। हमले के समय वह वाहन की अगली सीट पर थे। आगे की सीट पर होने के कारण, दो तरफ से भारी गोलीबारी होने से उनके सिर, गर्दन और छाती में गोली लगी। हालांकि, अपनी परवाह किए बिना उन्होंने अपने संयम, स्थितिजन्य चेतना को बनाए रखा और आतंकवादियों में से एक पर जवाबी गोलीबारी की। यह वह आतंकवादी था, जो सामने से उनके वाहन पर गोलीबारी कर रहा था।

विक्की की जवाबी गोलीबारी के कारण आतंकवादी को छिपना पड़ा, जिससे पीछे बैठे सशस्त्र वायु योद्धा समन्वित रूप से आतंकवादियों पर गोलियां चला सके। कॉर्पोरल विक्की पहाड़े की इस बहादुरी के कारण बाकी वायु सैनिकों को आतंकवादियों पर जवाबी गोलीबारी करने का अवसर मिला, जिससे उनकी टीम के सदस्यों की कीमती जिंदगी बची। हालांकि, कॉर्पोरल विक्की पहाड़े ने बाद में कमांड अस्पताल उधमपुर में दम तोड़ दिया।

वहीं, विंग कमांडर अंकित सूद को कर्तव्य को पूरा करने के चरम समर्पण के लिए ‘वायु सेना पदक' (वीरता) से सम्मानित किया गया है। हिमाचल प्रदेश में अभूतपूर्व बारिश के बाद अल्प समय में उनकी यूनिट को कुल्लू और मंडी जिलों में केसवैक ऑपरेशन करने का काम सौंपा गया। 24 अगस्त 2023 को, अधिकारी ने जम्मू से कुल्लू की संकीर्ण घाटियों तक बिगड़े मौसम में विमान का संचालन किया, जहां 12 गंभीर रोगी फंसे हुए थे और जीवन रक्षक उपाय के रूप में उन्हें पीजीआई, चंडीगढ़ भेजने के लिए तत्काल निकासी की आवश्यकता थी।

खराब मौसम, दुर्गम पहाड़ी इलाके, हाई ऑल अप वजन और समय संवेदनशीलता थी। आसमान में तेजी से अंधेरा होने के बावजूद दृढ़निश्चयी अधिकारी ने बहुमूल्य जिंदगियों को बचाने के लिए एकाग्रचित्त होकर काम जारी रखा। घाटी में कम बादल और ऑपरेटिंग क्षेत्र में भूस्खलन के बावजूद, विंग कमांडर अंकित सूद ने एक सच्चे वायु योद्धा की भावना के साथ अपनी व्यक्तिगत सुरक्षा की अवहेलना की, परिपक्व निर्णय का प्रदर्शन किया और सभी रोगियों को सफलतापूर्वक निकालने के लिए चार गांवों में गैर-मानक क्षेत्रों में लैंडिंग की।

कठोर इलाके और मौसम का मुकाबला करते हुए, अधिकारी सूर्यास्त के करीब चंडीगढ़ में उतरे, जहां से सभी रोगियों को पीजीआई में स्थानांतरित किया गया। इसके बाद, अधिकारी को मंडी के बाहर मानवीय सहायता एवं आपदा राहत अभियान चलाने का काम सौंपा गया। उन्होंने संकुचित क्षेत्रों में लैंडिंग को प्रभावित करने के लिए विमान को बेहद चतुराई से हैंडल किया और राशन एवं मेडिकल किट देने के लिए विमान को कम ऊंचाई पर कुशलता से उड़ाया और रोका।

उन्होंने तुरंत योजना तैयार की और अगले पांच दिनों में 68 से अधिक महत्वपूर्ण मिशन को सुरक्षित रूप से पूरा किया, जिसमें 34,000 किलोग्राम से अधिक महत्वपूर्ण राहत सामग्री पहुंचाई गई, जिससे कई असहाय लोगों की जान बच गई। असाधारण साहस, पेशेवर क्षमता और खराब मौसम की स्थिति में कीमती जान बचाने के लिए उच्च जोखिम वाले मिशन को पूरा करने में कर्तव्य को पूरा करने के चरम समर्पण के लिए विंग कमांडर अंकित सूद को 'वायु सेना पदक' (वीरता) से सम्मानित किया गया।


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