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उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष का ओएसडी बनकर पुलिस को फोन करना पड़ा महंगा, तीन गिरफ्तार

बिहार के कैमूर जिले के मोहनिया थाना प्रभारी को उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष का ओएसडी बनकर फोन करके बिना शुल्क दिए टोल प्लाजा पार करने की बात करना एक युवक को महंगा पड़ गया

उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष का ओएसडी बनकर पुलिस को फोन करना पड़ा महंगा, तीन गिरफ्तार
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भभुआ। बिहार के कैमूर जिले के मोहनिया थाना प्रभारी को उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष का ओएसडी बनकर फोन करके बिना शुल्क दिए टोल प्लाजा पार करने की बात करना एक युवक को महंगा पड़ गया।

इस मामले में पुलिस ने युवक और उसके दो दोस्तों को गिरफ्तार कर लिया है। मोहनिया के एसडीपीओ प्रदीप कुमार ने बताया कि पूरी घटना रविवार की है। कैमूर जिले के मोहनिया थाने के थानाध्यक्ष प्रियेश प्रियदर्शी के सरकारी मोबाइल पर 9555414009 नंबर से फोन आया, जिसके ट्रूकॉलर पर अध्यक्ष, विधानसभा उत्तर प्रदेश, दिखा रहा था।

कॉल करके बताया गया, "मैं विधानसभा अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश का ओएसडी यादवेंद्र कुमार पांडेय बोल रहा हूं। मुझे लखनऊ जाना है और मैं अभी मोहनिया टोल प्लाजा पर हूं। मुझे मोहनिया टोल प्लाजा बिना किसी शुल्क दिए हुए पार करा दीजिए।"

बताया गया कि उनका वाहन ब्लैक कलर की एसयूवी डीएल 8 सीबीसी 2211 है। इस सूचना पर थानाध्यक्ष ने स्वयं सत्यापन शुरू किया। इसी क्रम में अपने आप को फंसते देख फोन करने वाला पैसा देकर टोल प्लाजा पार कर गया। जब थानाध्यक्ष टोल प्लाजा पहुंचे तो कार सवार युवक वहां से निकल गए थे।

पुलिस सत्यापन के लिए उस कार का पीछा करते हुए दुर्गावती के पास पहुंच गई। उक्त नंबर की कार को देख पुलिस ने रुकने का इशारा किया। फिर, कार के रुकने के बाद पुलिस ने पूछताछ शुरू की।

पुलिस ने यादवेंद्र कुमार पांडेय से पूछताछ की तो उसने काफी टालमटोल के बाद बताया कि मैं ओएसडी नहीं हूं। मैंने झूठ बोला था। मोहनिया डीएसपी ने बताया कि इस दौरान लखनऊ से भी सत्यापन कराया गया।

उन्होंने बताया कि इस मामले को लेकर मोहनिया थाना के एसआई आनंद कुमार ने प्राथमिकी दर्ज कराई है। इस मामले में कार पर सवार तीनों लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। गाड़ी भी जब्त कर ली गई है।


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