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उत्तर प्रदेश : संभल के बाद अब बरेली में भी नमाज का समय दोपहर 2:30 बजे किया गया

ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने गुरुवार को कहा कि उत्तर प्रदेश के संभल में होली समारोह के लिए जारी एडवाइजरी के अनुरूप शहर की सभी मस्जिदों में जुमे की नमाज का समय दोपहर 12 बजे की बजाय 2:30 बजे करने को कहा गया है

उत्तर प्रदेश : संभल के बाद अब बरेली में भी नमाज का समय दोपहर 2:30 बजे किया गया
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बरेली। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने गुरुवार को कहा कि उत्तर प्रदेश के संभल में होली समारोह के लिए जारी एडवाइजरी के अनुरूप शहर की सभी मस्जिदों में जुमे की नमाज का समय दोपहर 12 बजे की बजाय 2:30 बजे करने को कहा गया है।

मीडिया से बात करते हुए शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा कि शुक्रवार को नमाज का समय दोपहर 12 बजे से बढ़ाकर 2:30 बजे करने का निर्णय विभिन्न मुस्लिम मौलवियों और इमामों के साथ विचार-विमर्श के बाद लिया गया है। शुक्रवार को होली और रमजान के जुम्मा का एक दुर्लभ संयोग भी है।

उन्होंने कहा कि यह निर्णय सांप्रदायिक सौहार्द्र और सद्भाव सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है, ताकि दो समुदायों द्वारा अपने-अपने त्योहार मनाए जाने के दौरान शांति बनी रहे और साथ ही त्योहारों के दौरान उपद्रवियों द्वारा गड़बड़ी फैलाने के किसी भी प्रयास को रोका जा सके।

उन्होंने यह भी आशा व्यक्त की कि होली और जुमे की नमाज दोनों शांतिपूर्ण और खुशनुमा माहौल में मनाई जाएगी।

इससे पहले, बुधवार को संभल की शाही जामा मस्जिद ने घोषणा की थी कि होली के कारण 14 मार्च को शुक्रवार की नमाज दोपहर 2:30 बजे होगी।

यह घोषणा जामा मस्जिद के अध्यक्ष जफर अली ने की।

बरेलवी मौलवी ने मुस्लिम समुदाय से होली समारोह के दौरान अनावश्यक 'बाहर निकलने' से बचने की अपील की और उन्हें आवश्यक कार्यों के लिए बाहर निकलते समय सावधानी बरतने की भी सलाह दी।

घरों के अंदर नमाज अदा करने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि ऐसी व्यवस्था इस्लामी परंपराओं के अनुकूल नहीं होगी।

उन्होंने कहा, "इस्लाम में घर के अंदर नमाज पढ़ने की अनुमति नहीं है, खासकर जुम्मा के दौरान। यह आवश्यक है कि मुसलमान जुम्मा की नमाज अदा करते समय मस्जिद में मौजूद रहें।"

उन्होंने समुदाय से पवित्र रमजान माह को धैर्य और अनुशासन के साथ मनाने का आग्रह किया तथा सुझाव दिया कि सभी त्योहारों को सद्भाव और आपसी सम्मान के साथ मनाया जाना चाहिए।


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