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इंडिया ब्लॉक पर टीएस सिंह देव बोले, 'हर प्रदेश की स्थिति अलग, गंभीरता से चर्चा कर निकालना चाहिए राज्यवार हल '

दिल्ली चुनाव में आम आदमी पार्टी की हार और कांग्रेस के एक भी सीट नहीं जीत पाने को लेकर विपक्षी इंडिया ब्लॉक पर सवाल उठने लगे हैं

इंडिया ब्लॉक पर टीएस सिंह देव बोले, हर प्रदेश की स्थिति अलग, गंभीरता से चर्चा कर निकालना चाहिए राज्यवार हल
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अंबिकापुर। दिल्ली चुनाव में आम आदमी पार्टी की हार और कांग्रेस के एक भी सीट नहीं जीत पाने को लेकर विपक्षी इंडिया ब्लॉक पर सवाल उठने लगे हैं। छत्तीसगढ़ के पूर्व डिप्टी सीएम एवं दिग्गज कांग्रेस नेता टीएस सिंह देव ने सोमवार को कहा हर राज्य की अलग स्थिति है, इस पर बैठकर गंभीरता से चर्चा करना चाहिए और राज्यवार हल निकालना चाहिए।

दिल्ली चुनाव में हार के बाद गठबंधन पर उठ रहे सवाल को लेकर टीएस सिंह देव ने कहा, "जो संविधान को बचाने और देशहित में साथ आना चाहते हैं, उनको 'इंडिया' ब्लॉक को लेकर गंभीरता से विचार करना चाहिए, ना कि किसी एक पर आरोप लगाना चाहिए। अगर आज दिल्ली में भाजपा की सरकार बन गई और आम आदमी पार्टी पीछे रह गई व कांग्रेस के वोट प्रतिशत में इजाफा हो गया, तो सवाल उठाया जाने लगा।"

टीएस सिंह देव ने कहा, "इससे पहले आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के संबंध किस प्रकार के थे। राष्ट्रीय चुनाव में सभी एक लक्ष्य को लेकर साथ आए, कई जगह सीट शेयरिंग हुई। पंजाब समेत एक-दो जगहों पर सीट शेयरिंग नहीं हुई। ऐसे में दोनों पार्टियों को देखना चाहिए कि हर चुनावी कदम पर दोनों पार्टियों ने क्या-क्या किया? आम आदमी पार्टी ने गोवा, गुजरात और हरियाणा में क्या किया? इन सबको ध्यान देना चाहिए। ये दो दलों के बीच की बात है, ना कि पूरे गठबंधन की बात है।"

उन्होने कहा, "जहां पर दिल्ली जैसी स्थिति बनेगी, वहां पर दोनों दलों को साथ मिलकर गंभीरता से चर्चा करना होगा। हमें इस पर पहले विचार करना होगा कि क्या हम अंबिकापुर में होने वाले नगर-निगम चुनाव में सीट शेयरिंग करेंगे? विधानसभा के चुनाव आएंगे, तो क्‍या सीट शेयरिंग होगी? इंडिया ब्लॉक वैसा गठबंधन नहीं है, जैसा यूपीए था। ये एक उद्देश्य और राष्ट्रीय मुद्दों को लेकर साथ आया।"

कांग्रेस नेता ने कहा, "महाराष्ट्र, झारखंड और जम्मू-कश्मीर में चुनाव हुआ, वहां पर गठबंधन हो गया, जबकि दिल्ली में ही नहीं हुआ। दिल्ली में गठबंधन नहीं होने का कारण ये था कि हरियाणा में गठबंधन नहीं हुआ था। जेल से निकलते ही केजरीवाल की तरफ से ये घोषणा हो गई थी कि 'आप' हरियाणा में सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। अगर उनको अपनी पार्टी के अस्तित्व को बरकरार रखना है, तो कांग्रेस भी मजबूर होगी कि उसे भी अस्तित्व बरकरार रखना है।"

उन्होंने अंत में कहा, "अलग-अलग राज्यों की अलग-अलग स्थिति है, इस पर बैठकर गंभीरता से चर्चा करनी चाहिए और राज्यवार हल निकालना चाहिए।"


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