नाकामी छिपाने के लिए भाजपा सरकार ने संभल में कराया दंगा : अखिलेश
समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि संभल में दंगा भाजपा सरकार ने जानबूझ कर अपनी नाकामी छिपाने और जनता का ध्यान हटाने के लिए कराया है

लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि संभल में दंगा भाजपा सरकार ने जानबूझ कर अपनी नाकामी छिपाने और जनता का ध्यान हटाने के लिए कराया है।
श्री यादव ने सोमवार को कहा कि भाजपा सरकार अन्याय और अत्याचार कर रही है। पुलिस ने सरकारी और निजी हथियारों से गोली चलायी है। पांच युवाओं की मौत हुई है। यह बेहद दुःखद है। सपा यह मुद्दा आज लोकसभा में उठाना चाहती थी लेकिन मौका नहीं दिया, जब मौका मिलेगा तब हम लोग इसे सदन में उठायेंगे।
उन्होंने कहा कि इसी तरह से भाजपा सरकार ने कानपुर में बड़ी संख्या में लोगों के खिलाफ अज्ञात में मुकदमा लिखाया था और वसूली की थी। बहराईच में भी भाजपा ने दंगा कराया था, वह तो भाजपा विधायक ने ही भाजपा नेताओं के खिलाफ एफआईआर कराया था। भाजपा पहले अन्याय करती है। अगर कोई अन्याय का विरोध करता है, तो सरकार के अधिकारी उसके ही खिलाफ मुकदमा करा देते हैं।
सपा अध्यक्ष ने कह कि पार्टी सांसद जियाउर्रहमान बर्क बवाल वाले दिन बेंगलुरु में एक कार्यक्रम में थे। उनके खिलाफ झूठा मुकदमा लिख दिया।
श्री यादव ने कहा कि भाजपा ने चुनाव में जो लूट की है उसे छिपाने के लिए जानबूझ कर दंगा कराया है। लोग तो यह भी कह रहे हैं कि साबरमती फिल्म देखकर कुछ लोगों को लगा कि उन्हें भी बड़ा नेता बनना है, इसीलिए यह कराया।
उन्होने कहा कि भाजपा सरकार ने उत्तर प्रदेश विधानसभा उपचुनाव में वोट लूटा। पुलिस से ईवीएम की बटन दबवाई। प्राइवेट ड्रेस में पुलिस लगाई थी, वोटों की चोरी और चुनावी धांधली से ध्यान हटाने के लिए दंगा कराया है। जगह-जगह से वीडियों मिले है।
श्री यादव ने कहा कि संभल की शाही जामा मस्जिद के सम्बंध में 19 नवंबर में सिविल जज चंदौसी में याचिका दायर की गयी, कोर्ट ने दूसरे पक्ष को सुने बिना सर्वे का आदेश दिया गया। आदेश मिलने के बाद संभल के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक बिना आर्डर पढ़े दो घंटे में ही सर्वे के लिए पुलिस लेकर जामा मस्जिद पहुंच गये। पहली बार कोर्ट के आदेश पर सर्वे हुआ, सभी ने पूरा सहयोग किया। ढाई घंटे सर्वे के बाद जिलाधिकारी ने कहा कि सर्वे पूरा हो गया है। अब सर्वे रिपोर्ट कोर्ट में जमा की जाएगी।
22 नवम्बर को लोग जुमे की नमाज के लिए जामा मस्जिद पहुंचे तो पुलिस ने बैरिकेडिंग लगा दी, तब भी लोगों ने संयम बरता, नमाज अदा की। किसी तरह का विरोध नहीं हुआ। 29 नवम्बर को कोर्ट में तारीख थी, सभी लोग कोर्ट की तारीख के लिए तैयारी कर रहे थे। लेकिन 23 नवम्बर की रात पुलिस प्रशासन ने कहा कि 24 की सुबह दोबारा सर्वे होगा। जब एक बार सर्वे हो गया, तो दोबारा सर्वे का आदेश किसने दिया।
श्री यादव ने कहा कि संभल घटना के लिए याचिकाकर्ता के साथ ही प्रशासन और सरकार जिम्मेदार है। घटना के जिम्मेदार अधिकारियों को निलम्बित करना चाहिए। उन पर हत्या का मुकदमा चलाया जाना चाहिए जिससे भविष्य में कोई इस प्रकार संविधान विरोधी कार्य को अंजाम न दे सके।


