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महाकुंभ के बाद काशी पहुंच रहे हजारों नागा साधु, महाशिवरात्रि पर करेंगे स्नान

संगम नगरी प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में अमृत स्नान के बाद अब हजारों की तादाद में नागा साधु और संतों का जत्था काशी की तरफ बढ़ गया है

महाकुंभ के बाद काशी पहुंच रहे हजारों नागा साधु, महाशिवरात्रि पर करेंगे स्नान
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वाराणसी। संगम नगरी प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में अमृत स्नान के बाद अब हजारों की तादाद में नागा साधु और संतों का जत्था काशी की तरफ बढ़ गया है। श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा के साधु-संतों ने वाराणसी को अपना नया ठिकाना बनाया है। उन्होंने वाराणसी के हनुमान घाट स्थित जूना अखाड़े के मठ में तंबू लगाए हैं, जहां वे तपस्या कर रहे हैं।

पंचदशनाम जूना अखाड़ा के साधुओं ने आईएएनएस से बातचीत में बताया कि महाकुंभ में स्नान के बाद काशी आने की परंपरा है। ऐसा माना जाता है कि यहां आकर बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने पर ही महाकुंभ में किया स्नान पूरा माना जाता है।

उन्होंने कहा, "वे महाकुंभ में स्नान के बाद काशी में कुछ दिन तक निवास करते हैं। इस दौरान भक्तों और विश्व के कल्याण की तपस्या की जाती है। इस दौरान महाशिवरात्रि के स्नान पर सभी साधु-संत अपने शरीर पर भस्म लगाकर बाबा काशी विश्वनाथ के दर्शन के लिए जाते हैं। हमारे लिए प्रयागराज स्वर्ग लोक है और काशी मोक्ष का द्वार।"

महंत उज्जैनगिरी नागा बाबा ने बताया कि महाकुंभ में स्नान के बाद अब हमारा प्रवास काशी में रहेगा। हम लोग यहां होली के पर्व तक रुके रहेंगे। इस दौरान महाशिवरात्रि के दिन यहां अमृत स्नान होता है और इसलिए सभी साधु-संत यहां आते हैं।

वाराणसी के घाटों पर साधुओं ने तंबू लगाकर डेरा जमाया हुआ है। बता दें कि महाशिवरात्रि के दिन भारी संख्या में साधु पेशवाई निकालेंगे और बाबा विश्वनाथ के दर्शन करेंगे। इसके बाद ही वे बाबा की बारात में शामिल होंगे।


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